अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अब स्लो ओवर-रेट होने का खामियाजा सिर्फ कप्तान को ही नहीं भुगतना पड़ेगा, बल्कि इसी सजा पूरी टीम को मिलेगी। हालांकि, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने टीम के कप्तानों को थोड़ी राहत भी दी है। नए नियम के मुताबिक, ऐसी स्थिति में अब कप्तानों को निलंबित नहीं किया जाएगा। आईसीसी ने इसके अलावा ‘कन्केशन सब्स्टीट्यूट’ को भी मैच खेलने की मंजूरी दी है।
सिर में चोट लगने के कारण बेहोश हो गए गेंदबाज या बल्लेबाज की जगह आए स्थानापन्न खिलाड़ी को ‘कन्केशन सब्स्टीट्यूट’ कहा जाता है। आईसीसी का यह नियम महिला और पुरुष दोनों क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20 मैचों) में लागू होगा। एक अगस्त से शुरू होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी यह नियम लागू होगा। यह चैंपियनशिप 2019 से 2021 तक चलेगी।
आईसीसी ने इस संबंध में शुक्रवार को एक बयान जारी किया। बयान के मुताबिक, ‘विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों में अगर कोई टीम तय समय में ओवर पूरे नहीं कर पाती है तो हर ओवर के बदले 2 प्रतिस्पर्धा अंक काटे जाएंगे। इसके लिए अब कप्तानों को अकेले निलंबन नहीं झेलना होगा। सभी खिलाड़ी समान रूप से कसूरवार होंगे। एक जैसी सजा भुगतेंगे।’ पहले के नियम के मुताबिक, एक साल में 2 बार स्लो ओवर-रेट का अपराध करने पर कप्तान को निलंबित कर दिया जाता था।
आईसीसी ने अपने दूसरे अहम फैसले में कहा है कि मैच के दौरान गेंद से चोटिल खिलाड़ी की जगह दूसरा क्रिकेटर ले सकता है। यह निमय इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1 अगस्त से होने वाली एशेज सीरीज से लागू हो जाएगा। इस तरह के नियम के पहले भी लागू होने की उम्मीद जताई गई थी। इस नियम के मुताबिक, जैसा खिलाड़ी चोटिल होगा उसका सब्सटीट्यूट भी वैसा ही होना चाहिए। इसका मतलब है कि गेंदबाज की जगह गेंदबाज और बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज ही मैदान पर उतरेगा। ऐसे बदलाव के लिए मैच रैफरी की मंजूरी जरूरी है।