भारतीय खेल जगत में बिरले ही खिलाड़ी होंगे जिनकी कहानी संग्राम सिंह जैसी हो। व्हीलचेयर से लेकर MMA (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स) फाइट जीतने वाले संग्राम सिंह अब 40 साल की उम्र में दूसरी बार ऑक्टागन में उतरने की तैयारी में हैं। कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैंपियन और फिट इंडिया आइकन संग्राम सिंह पोलैंड में होने वाले मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स टूर्नामेंट में 83-90 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लेंगे।
90 सेकंड में ऐतिहासिक जीत
संग्राम सिंह की MMA यात्रा की शुरुआत जॉर्जिया के तिब्लिसी में हुई, जब उन्होंने 21 सितंबर 2024 को हीरोज स्क्वायर 1 में गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप में पाकिस्तानी फाइटर अली रजा को महज 90 सेकंड में मात देकर रिकॉर्ड कायम किया। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भारतीय पुरुष पहलवान की सबसे तेज MMA जीत थी। संग्राम तब खुद से 17 साल छोटे अली रजा से भिड़े थे।
व्हीलचेयर से चैंपियन तक
हरियाणा के रोहतक में जन्में संग्राम सिंह को बचपन में रूमेटॉइड आर्थराइटिस हुआ था, जिसके चलते वह व्हीलचेयर तक सीमित हो गए थे, लेकिन उन्होंने मेहनत, कुश्ती की परंपराओं और आयुर्वेदिक जीवनशैली के सहारे न सिर्फ बीमारी को हराया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम भी रोशन किया।
शाकाहारी आहार, ताकत का हथियार
संग्राम आज दुनियाभर के उन गिने-चुने फाइटर्स में शामिल हैं जो पूरी तरह शाकाहारी रहकर MMA जैसे खेल में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उनका कहना है, ‘मेरी शाकाहारी जीवनशैली मेरी सुपरपावर है। दाल, सब्ज़ियां, घी और अश्वगंधा- यही मेरा ईंधन है।’
प्रेरणा का स्रोत
संग्राम का मानना है कि एथलेटिक सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। वह कहते हैं, ‘मैं चाहता हूं कि 25 साल का वह खिलाड़ी जो सोचता है कि उसका करियर खत्म हो गया है, वह मुझे 40 की उम्र में लड़ते देखे। मैं चाहता हूं कि 30 साल का युवा मार्शल आर्ट्स शुरू करने की हिम्मत करे। उत्कृष्टता किसी और की समयसीमा पर निर्भर नहीं करती।’
‘उम्र महज एक संख्या’
अपनी प्रशिक्षण तैयारियों के दौरान संग्राम सिंह ने बताया, ‘जब मैं 40 की उम्र में जॉर्जिया में उस ऑक्टागन में उतरा था, तब खुद से 17 साल छोटे फाइटर के खिलाफ लड़ते हुए केवल अपने लिए नहीं लड़ रहा था। मैं 20s, 30s, और 40s के हर सपने देखने वाले को दिखाने के लिए लड़ रहा था कि उनका समय अब भी बाकी है। यह पोलैंड टूर्नामेंट मेरा दूसरा अध्याय है, अंतिम नहीं।’
पोलैंड में अगला पड़ाव
संग्राम सिंह ने बताया, ‘अब पूरा ध्यान पोलैंड पर है। संग्राम टूर्नामेंट में अपने खास ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ उतरेंगे, जिसमें भारतीय कुश्ती के दांव-पेंच और मॉडर्न MMA कंडीशनिंग का मेल है। रोटी, मौसमी सब्जियां और आयुर्वेदिक पूरक उनके डाइट प्लान का हिस्सा बने हुए हैं।
क्यों खास है यह लड़ाई?
यह केवल एक प्रतियोगिता नहीं है। यह उन लाखों लोगों के लिए संदेश है जिन्हें कभी कहा गया कि वे ‘बहुत बूढ़े’ हैं या ‘बहुत देर’ कर चुके हैं। संग्राम की लड़ाई एक व्यक्तिगत जीत से आगे बढ़कर उम्र और संभावनाओं को लेकर बनी रुढ़ियों को तोड़ने की कोशिश है। संग्राम सिंह ने कहा, ‘यह केवल पोलैंड में एक व्यक्ति की लड़ाई के बारे में नहीं है। यह हर उस एथलीट के लिए कथा को फिर से लिखने के बारे में है जिसे कहा गया है कि वे बहुत बूढ़े हैं, बहुत अलग हैं या बहुत देर से आए हैं। जब उस ऑक्टागन में उतरूंगा तो मैं उन लाखों लोगों के सपनों को लेकर चलूंगा जो सीमाओं को स्वीकार करने से इनकार करते हैं।’