टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने शुक्रवार को अपना ब्रॉन्ज मेडल मैच ब्रिटेन के खिलाफ 4-3 से गंवा दिया था। इस मैच के बाद भारत को पदक जरूर नहीं मिला लेकिन भारत की इस महिला हॉकी टीम को देश और पूरी दुनिया से बधाइयां मिली। वहीं दिन खत्म होते-होते इस टीम के कोच शोर्ड मारिन ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला ले लिया।
नीरदलैंड के पूर्व खिलाड़ी ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरी अब कोई योजना नहीं है, भारतीय महिला टीम के साथ मेरा ये आखिरी मैच था। अब टीम जानेका शोपमैन के हवाले है।’
‘परिवार की याद आती है, अब पत्नी और बच्चों के साथ रहना चाहता हूं’
भारतीय महिला हॉकी टीम को नए आयाम तक ले जाने के बाद शोर्ड मारिन ने अब खुद को पारिवारिक कारणों के चलते टीम से दूर करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि,’भारतीय महिला हॉकी टीम की लड़कियों की मुझे बहुत याद आएगी पर मुझे अपने परिवार की ज्यादा याद आती है। परिवार से साढ़े तीन साल तक दूर रहने के बाद मैं अपने बेटे, बेटी और पत्नी के साथ रहना चाहता हूं।’
Sjoerd Marijne has decided to step down as Indian Women’s Hockey team coach
Janneke Schopman,team’s analytical coach & part of Olympic Gold medal winning Netherlands team,likely to take over
Thanks @SjoerdMarijne for taking the team this far.
Take it further @jannekeschopman pic.twitter.com/7fcbfsw4Qa— India_AllSports (@India_AllSports) August 6, 2021
16 महीने से घर नहीं गए मारिन
आपको बता दें कि शोर्ड मारिन को 2017 में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था। उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया। इसके बाद 2018 में उन्हें फिर से महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया। इसके बाद कोरोना के कारण लागू हुए प्रतिबंधों की वजह से वह पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा पाए।
गौरतलब है कि मारिन की कोचिंग में भारतीय टीम ने इस टोक्यो ओलंपिक में जो खेल दिखाया है उसने पूरे देश में एक बार फिर से हॉकी को पुनर्जीवित कर दिया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई, भारतीय टीम पदक जरूर नहीं जीत सकती लेकिन हर मुकाबले में भारत ने शानदार खेल दिखाया। इस ओलंपिक का जो ऐतिहासिक लम्हा था वो था कि भारत ने क्वार्टफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से मात दी।