भारत के पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश को बतौर कोच अपने पहले टूर्नामेंट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ। टीम इंडिया सुल्तान जोहोर कप टूर्नामेंट के फाइनल में तो नहीं पहुंच पाई लेकिन टीम ने शनिवार को ब्रॉन्ज मेडल जरूर जीता। इत्तेफाक की बात यह रही है कि श्रीजेश के कोच रहते हुए गोलकीपर बिक्रमजीत सिंह के शानदार प्रदर्शन के दम पर भी भारत मेडल हासिल कर सका।
सुल्तान जोहोर कप में भारत को मिला ब्रॉन्ज
भारत ने शनिवार को पेनल्टी शूटआउट में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर सुल्तान जोहोर कप जूनियर पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने ग्रुप राउंड का आखिरी मैच भी खेला था जो कि ड्रॉ रहा था। इस ड्रॉ ने भारत के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को झटका दिया था।
निर्धारित समय में मैच 2-2 सबसे बराबर रहा जिसके बाद शूटआउट का सहारा लिया गया। शूटआउट में भारत की तरफ से स्ट्राइकर गुरजोत सिंह, मनमीत सिंह और सौरभ आनंद कुशवाह ने पेनल्टी को गोल में बदला, जबकि बिक्रमजीत ने तीन बचाव करके भारत को जीत दिलाई।
भारत ने 20 मिनट में किए दो गोल
इससे पहले निर्धारित समय में दिलराज सिंह (11वें मिनट) और मनमीत सिंह (20वें) ने भारत को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन न्यूजीलैंड ने अंतिम क्वार्टर में ओवेन ब्राउन (51वें) और जोंटी एल्म्स (57वें) के गोल की मदद से अच्छी वापसी की। भारत ने पहले 20 मिनट में ही दो गोल कर दिए थे। खेल के 11वें मिनट में ही दिलराज ने मुकेश टोप्पो की मदद से गोल करके भारत को 1-0 से आगे कर दिया।
दूसरे क्वार्टर में भी भारत ने खेल पर नियंत्रण बनाए रखा। मनमीत ने 20वें मिनट में अनमोल एक्का और मुकेश के शानदार स्टिकवर्क की मदद से मैदानी गोल किया। इसके बाद भारत ने लगातार हमले किए लेकिन वह अपनी बढ़त और मजबूत नहीं कर पाया।
तीसरे क्वार्टर में किसी भी टीम में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई लेकिन न्यूजीलैंड ने चौथे क्वार्टर में दो महत्वपूर्ण गोल करके वापसी की, जिससे भारत की कांस्य जीतने की उम्मीदें अधर में लटक गईं। खेल के 51वें मिनट में ब्राउन ने ब्रैडली रोथवेल के क्रॉस पर बड़ी खूबसूरती से मैदानी गोल किया। इसके छह मिनट बाद एल्म्स ने गोल करके स्कोर बराबर कर दिया। एल्म्स ने भारत के खिलाफ पिछले मैच में हैट्रिक बनाई थी।