बीसीसीआई ने 18 जुलाई को विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही संजय बांगर को असिस्टेंट कोच तो आर श्रीधर को फील्डिंग कोच नियुक्त किया गया है। इससे साफ है कि राहुल द्रविड जहीर खान का पत्ता कट चुका है। इन दोनों का पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही जिक्र तक नहीं किया गया।
सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान को भारतीय टीम का गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त किया था, जिसके बाद मामला विवादों में आ गया।
शास्त्री और अरुण का परिचय करीब तीन दशक पुराना है। भरत अरुण के विकीपीडिया प्रोफाइल के अनुसार वो 1979 में श्रीलंका जाने वाले अंडर-19 क्रिकेट टीम के सदस्य थे, जबकि रवि शास्त्री उसके कप्तान थे। भरत अरुण ने 1986 में गेंदबाज के तौर पर अपना अंतरराष्ट्रीय टेस्ट और वनडे डेब्यू किया। रवि शास्त्री उनसे पहले 1981 में ही राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बना चुके थे।
हालांकि अरुण का करियर ज्यादा लंबा नहीं चला और वो महज दो टेस्ट और चार वनडे ही खेल पाए। वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के छह मैचों के अपने करियर में कुल पांच विकेट ही ले पाए। कुछ मीडिया रिपोर्ट में अरुण को आलराउंडर बताया गया है इसलिए यहां ये जानना जरूरी है कि उन्होंने कुछ छह अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 25 रन बनाए हैं। टेस्ट में उनका अधिकतम स्कोर नाबाद दो रन रहा तो वनडे में आठ रन।