प्रीतिश राज। खेल मंत्रालय ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया था कि अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले जूनियर और सब जूनियर एथलीट्स को अब सरकार से नकद पुरस्कार नहीं मिलेंगे। मंत्रालय ने इसके पीछे डोपिंग और आयु धोखाधड़ी से निपटने को कारण बताया। हालांकि इस फैसले से जूनियर एथलीट्स हताश हैं। वह इस फैसले से सहमत नहीं है। उनका मानना है कि इस फैसले से कई खिलाड़ी खेल छोड़ भी सकते हैं।

गरीब खिलाड़ियों की मुश्किल बढ़ेगी

नेशनल गेम्स में मौजूद कई जूनियर एथलीट्स उनके परिवार और कोच ने बात इंडियन एक्सप्रेस से बात की। ओलंपियन और पूर्व शॉट पुट नेशनल चैंपियन ओम प्रकाश करहान ने कहा, ‘एक पूर्व एथलीट के रूप में, मैं आपको बता सकता हूं कि एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार के लिए डाइट और इक्विपमेंट की लागत बहुत अधिक है। ऐसे समाज में, नकद पुरस्कार समाप्त करना कोई सकारात्मक कदम नहीं है। गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले एथलीटों को खुद को जूनियर से विशिष्ट स्तर तक ऊपर उठाने के लिए उस नकदी की आवश्यकता होती है। स्पॉन्सर उसके बाद आते हैं। इस कदम के परिणामस्वरूप युवा एथलीट बाहर हो सकते हैं।’

खिलाड़ियों की उम्मीद टूटेगी

मौजूदा अंडर20 3000 मीटर स्टीपलचेज नेशनल रिकॉर्ड होल्डर शारुक इस फैसले से हैरान थे। उन्होंने कहा, ‘“सिर्फ बड़े लेवल वालो को देंगे? मेरे जैसे एथलीट छोटे गांवों और गरीब परिवारों से आते हैं और हम इस स्तर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचने से हमें बेहतर जूते और बेहतर डाइट पाने में मदद मिल सकती है। यह कदम उन सभी उम्मीदों को ख़त्म कर देगा।”

जूनियर एथलीट्स को नहीं होना चाहिए हताश

खिलाड़ी औऱ परिवार वालों का मानना है कि डोपिंग और एड फ्रॉड के मामलों को कम करना साई का काम है। इसके लिए जूनियर एथलीट्स को इस तरह हताश करना ठीक नहीं है। ओलंपियन हेप्टाथलीट प्रमिला और जूनियर एशियाई मेडलिस्ट विजेता उन्नति अयप्पा के पिता ने कहा, ‘यह महासंघ और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) जैसे निकायों का काम है कि वह एथलीट्स के लिए योजना बनाएं, खासकर जूनियर स्तर पर। अगर उन्हें लगता है कि युवा एथलीट थक रहे हैं, तो इसका मतलब है कि समस्या कोच में है। अगर महासंघ कोचिंग प्रणालियों और युवा एथलीटों के प्रशिक्षण की जांच शुरू कर दे, तो यह इससे बेहतर कदम होगा।”

एक अन्य नेशनल लेवल जंपर ने कहा, ‘यह एक बढ़िया कदम हो सकता है लेकिन केवल तभी जब महासंघ या अन्य शासी निकाय इन युवा एथलीटों के लिए भोजन, उपकरण और आवास का बुनियादी खर्च वहन करें। यदि बुनियादी बातें शामिल हैं तो नकद पुरस्कार की कोई आवश्यकता नहीं होगी।’

खिलाड़ियों में जागरुकता अहम है

नेशनल गेम्स में रिकॉर्ड बनाने वाले पोल वॉल्टर घनश्याम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारी सरकार यह ध्यान रखे कि जूनियर एथलीट बच्चे हैं और पुरस्कार उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा के रूप में काम करता है। मेरा मानना ​​है कि सबसे अच्छा तरीका नकद पुरस्कार रखना और युवा एथलीटों को डोपिंग और उम्र संबंधी धोखाधड़ी के बारे में शिक्षित करना है।”