भारतीय महिला हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थी। इसके बाद टीम की मुख्य कोच यानेक शॉपमैन ने हॉकी इंडिया के माहौल को लेकर काफी कुछ कहा। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत में औरतों की बातों की अहमियत नहीं है। अब वही शॉपमैन भारत लौट आई हैं। वह एक बार फिर कोचिंग स्टाफ का हिस्सा होंगी लेकिन इस बार भारतीय टीम के डगआउट में नजर नहीं आएंगी।
ऑक्शन में दिखीं शॉपमैन
हॉकी इंडिया लीग में रविवार को पुरुष टीमों ने बोली लगाई। ऑक्शन के दौरान हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की और महासचिव भोलानाथ भी मौजूद थे। इस दौरान यानेक शॉपमैन भी ऑक्शन रूम में दिखाई दी। वह 15 अक्टूबर को ओडिशा महिला टीम की टेबल पर भी नजर आ सकती है। उन्हीं लोगों के बीच जिन पर उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए थे और फिर भारत छोड़कर चली गई थीं।
ओडिशा टीम का हिस्सा हैं शॉपमैन
शॉपमैन ओडिशा की महिला टीम का हिस्सा हैं। उन्हें बतौर टेक्निकल डायरेक्टर टीम से जोड़ा गया है। इसी जिम्मेदारी के लिए शॉपमैन वापस आई हैं। ओडिशा वही राज्य है जहां शॉपमैन महिला टीम के साथ आखिरी बार एफआईएच प्रो लीग में नजर आईं थी। भारतीय महिला टीम ने उनके कोच रहते हुए रांची में ओलंपिक क्वालिफायर भी खेला था। भारत टॉप 3 में नहीं पहुंचा और पेरिस का टिकट हाथ से निकल गया।
हॉकी इंडिया पर लगाए थे गंभीर आरोप
इसके बाद शॉपमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कई गंभीर बयान लगाए। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा था कि भारत ऐसा देश हैं जहां महिलाओं की बातों को, उनकी सोच को अहमियत नहीं दी जाती है। साथ ही उन्होंने हॉकी इंडिया पर महिला और पुरुष टीम के बीच भेदभाव करने का भी आरोप लगाया था। शॉपमैन ने कहा, ‘मैंने देखा कि पुरुष और महिला कोच के बीच भेदभाव होता है। मेरी टीम की लड़कियों ने कभी मेहनत से मुंह नहीं फेरा। बहुत मेहनत की। मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहती। वह नई चीजें सीखना चाहती थीं।’
हॉकी इंडिया का पर लगाया था भेदभाव का आरोप
उन्होंने आगे कहा, ‘ अगर मैं अपनी बात करूं तो मेरे लिए यह बहुत मुश्किल था। मैं नेदरलैंड्स की रहने वाली हूं, अमेरिका में काम कर चुकी हूं लेकिन भारत में एक औरत होते हुए काम करना बहुत मुश्किल है। मैं ऐसी जगह काम कर चुकी हूं जहां औरतों की अपनी सोच होती है और उसे अहमियत दी जाती है। भारत में यह बहुत मुश्किल है। भारत में काम को मैनेज करना मुश्किल था। मुझे कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। हॉकी इंडिया के अधिकारियों का पूरा ध्यान पुरुष टीम पर था।’
शॉपमैन इसके बाद इस्तीफा देकर भारत छोड़कर चली गईं। पिछले महीने ही वह जर्मनी हॉकी फेडरेशन में टेक्निकल डायरेक्टर यूथ के पद पर जुड़ी हैं। शॉपमैन अब एक बार फिर से भारत लौट आई हैं। उसी फेडरेशन की लीग में शामिल होने जिस फेडरेशन पर वह गंभीर आरोप लगा चुकी हैं।