टेस्ट श्रृंखला में क्लीन स्वीप करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम कल से श्रीलंका के खिलाफ यहां शुरू हो रही पांच मैचों की एक दिवसीय श्रृंखला में उतरेगी तो लक्ष्य 2019 विश्व कप के लिए संभावित खिलाड़ियों की तलाश भी होगा। भारत ने तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला 3-0 से जीती और अब यह लय वनडे श्रृंखला में भी जारी रखना चाहेगा। यह हालांकि किसी और श्रृंखला की तरह नहीं होगी क्योंकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद साफ तौर पर कह चुके हैं कि इंग्लैंड में 2019 में होने वाले विश्व कप के मद्देनजर फिटनेस पर विशेष जोर रहेगा।
भारतीय टीम के लिए रणगिरी दाम्बुला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भाग्यशाली नहीं रहा है। यहां 2004 से अब तक खेले गए 17 वनडे में से भारत ने नौ जीते। श्रीलंका के खिलाफ 11 वनडे में से चार ही जीत सकी है। इस मैदान पर सबसे यादगार जीत अगस्त 2008 में मिली जब विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण भी किया था। अब वह न सिर्फ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक है बल्कि टीम के कप्तान भी हैं।
भारत का गेंदबाजी संयोजन स्थिर लग रहा है। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमरा नयी गेंद संभालेंगे जबकि कुलदीप यादव स्पिन की जिम्मेदारी लेंगे जिनका साथ देने के लिये अक्षर पटेल या युजवेंद्र चहल होंगे। श्रीलंका के लिये यह श्रृंखला प्रतिष्ठा बचाने का मौका है चूंकि टेस्ट श्रृंखला में उसे भारी पराजय झेलनी पड़ी है।
क्वालीफिकेशन के लिए दो और वनडे जीतने होंगे। यदि भारत के खिलाफ वे ऐसा कर पाते हैं तो उनके 90 अंक होंगे। ऐसे में वेस्टइंडीज उनसे उपर नहीं जा सकेगा भले ही वे 30 सितंबर की समयसीमा से पहले आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ सभी छह मैच जीत जाए। भारत ने पिछली बार नवंबर 2015 में हुई श्रृंखला में श्रीलंका को 5-0 से हराया था। श्रीलंकाई टीम हाल ही में जिम्बाब्वे से 2-3 से हार चुकी है जिसके बाद एंजेलो मैथ्यूज ने कप्तानी छोड़ दी। श्रीलंका की अनुभवहीन टीम ने हालांकि चैम्पियंस ट्राफी में भारत को हराया था।

