नॉटिंघम के टेंटब्रिज मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में भारत ने अपना शिकंजा पूरी तरह से कस लिया है और लगभग मैच अपनी झोली में डाल लिया है। मैच के आखिरी दिन भारत को जीत के लिए सिर्फ एक विकेट की दरकार है। वहीं इंग्लैंड को जीत के लिए अभी भी 210 रनों की जरुरत है। भारतीय गेंदबाजों ने मैच के चौथे दिन इंग्लैंड के 9 बल्लेबाजों को पेवेलियन का रास्ता दिखाकर अपनी टीम की जीत लगभग सुनिश्चित कर दी है। लेकिन चौथे दिन का आकर्षण इंग्लिश बल्लेबाज जोस बटलर का शतक ही रहा। जोस बटलर ने जिस तरह से बेन स्टोक्स के साथ मिलकर साझेदारी बनायी, उसकी मदद से इंग्लैंड की टीम मैच में संघर्ष की स्थिति में दिखाई दी। हालांकि जोस बटलर के शतक पूरा करने के बाद आउट होते ही इंग्लैंड की मैच में वापसी की उम्मीद पूरी तरह से धराशायी हो गई।
जोस बटलर, जिन्हें आमतौर पर वनडे और टी20 स्पेशलिस्ट माना जाता है, ने जिस तरह से अपनी पारी को आगे बढ़ाया, वह तारीफ के काबिल है। गौरतलब है कि जोस बटलर ने अपने इस शतक के साथ ही ऐसा कारनामा भी कर दिया, जो कि इंग्लैंड के लिए लगाए गए पिछले 30 शतकों में नहीं हुआ था। दरअसल जोस बटलर ने अपने इस शतक में डिफेंस और आक्रमण का जो बैलेंस दिखाया, उसके उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं। बता दें कि जोस बटलर ने अपनी पारी के दौरान 26% गेंदों को बिना खेले ही छोड़ दिया था। जो कि बटलर के धैर्य को दर्शाता है। इसके साथ ही आक्रमण की बात करें तो बटलर ने अपनी 106 रनों की पारी के दौरान 84 रन सिर्फ बाउंड्री से ही बनाए। जिससे बटलर ने एक टेस्ट सेंचुरी में लगाए गए सर्वाधिक चौकों के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली। बता दें कि बटलर ने अपनी पारी के दौरान 21 चौके लगाए थे।
एक वक्त जब इंग्लैंड ने अपने 4 विकेट जल्दी-जल्दी खो दिए थे और लग रहा था कि यह मैच चौथे दिन ही समाप्त हो जाएगा। तब जोस बटलर ने मोर्चा संभाला और उनका साथ दिया बेन स्टोक्स ने। बेन स्टोक्स ने 62 रनों की पारी खेली। हालांकि इस जोड़ी के टूटने के बाद इंग्लैंड के बाकी बल्लेबाज धैर्य नहीं दिखा सके और जल्दी-जल्दी पेवेलियन लौट गए। भारतीय गेंदबाजी की बात करें तो जसप्रीत बुमराह ने चोट से दमदार वापसी करते हुए 5 विकेट झटके। बुमराह के अलावा इशांत ने 2 विकेट हासिल किए हैं। हालांकि भारतीय ऑफ स्पिनर आर. अश्विन को कोई सफलता नहीं मिल सकी।