भारतीय कप्तान विराट कोहली ने साफ कहा कि उन्हें दूसरे टेस्ट मैच में अॉस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ से हुई वर्ड वॉर का कोई पछतावा नहीं है। इस मैच में स्मिथ को जब अंपायर ने आउट दिया तो उन्होंने डीआरएस मांगने के लिए ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा, जिस पर विराट कोहली भड़क उठे। इस घटना ने दोनों टीमों के बीच तनाव काफी बढ़ा दिया था। भारत ने दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है। बुधवार को मैच की पूर्व संध्या से पहले पत्रकारों से बातचीत में विराट कोहली ने कहा कि उनका फोकस फिलहाल खेल पर है, लेकिन उन्होंने स्मिथ के खिलाफ अपने दावों पर पीछे हटने से इनकार कर दिया।
कोहली ने कहा, मैंने जो बोला मुझे उसका बिल्कुल पछतावा नहीं है। लेकिन यह भी अहम है कि हम बेवकूफ न हो कि रोजाना एक ही चीज पर चलते जाएं। मुझे लगता है कि आगे बढ़ने का निर्णय हर किसी का था। हमने पहले भी बहुत एेसे उदाहरणों को देखा है। कोहली ने कहा कि यह सिर्फ मनमुटाव पैदा करते हैं और इनसे कुछ हासिल नहीं होता। भारतीय कप्तान ने कहा कि हर वो समय है जब हमें बाकी बचे हुए मैचों पर ध्यान देना चाहिए। अभी बहुत क्रिकेट खेला जाना बाकी है और वह खराब तरीके से नहीं होना चाहिए।
इससे पहले भारतीय कोच अनिल कुंबले ने मंगलवार (14 मार्च) को कहा था कि वह अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मैदानी बर्ताव को लेकर चर्चा के बावजूद उनकी टीम को आक्रामकता पर अंकुश लगाने के लिए नहीं कहेंगे। कुंबले ने तीसरे टेस्ट मैच से पहले कहा था, ‘‘अगर खिलाड़ी मैदान पर उतरकर वह काम करते हैं, जिसकी उनसे उम्मीद की जा रही है तो फिर मैं नहीं चाहूंगा कि वे अपनी नैसर्गिक प्रवृति पर अंकुश लगाएं। मुझे नहीं लगता कि हमें आक्रामकता पर बहुत अधिक सोचने की जरूरत है। हर खिलाड़ी का खेलने का अपना तरीका होता है। ’’
बता दें कि इससे पहले इन दो टेस्ट टीमों के बीच कड़वाहट उस वक्त नजर आई थी जब साल 2008 में भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह पर अॉस्ट्रेलियाई अॉलराउंडर एंड्रयू सायमंड्स को मंकी कहने का आरोप लगा था। इसके अलावा सिडनी टेस्ट में कोहली पर 3 साल पहले मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगा था। उन्होंने इस मैच में दर्शकों की तरफ बीच की अंगुली दिखाकर इशारा किया था।
