भारत की स्टार गोल्फर अदिति अशोक मामूली अंतर के चलते ओलंपिक पदक से चूक गई। किसी और टूर्नामेंट में वे चौथे स्थान पर होती तो अदिति को शायद उतना बुरा नहीं लगता। लेकिन अभी वे खुश नहीं हैं। भले ही अदिति पदक न जीत पाई हो लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से लोगों को ‘गोल्फ’ क्या होता है यह समझा दिया है।

स्पोर्ट्सकीड़ा के एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 7 दिनों में गूगल पर सबसे ज्यादा गूगल ‘गोल्फ’ शब्द को सर्च किया गया है। अदिति की वर्ल्ड रैंकिंग 200 है लेकिन उन्होंने ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन कर सब को चौका दिया और चौथा स्थान प्राप्त किया। खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में उन्होंने तीन अंडर 68 का स्कोर हासिल किया। अदिति का कुल स्कोर 15 अंडर 269 रहा और वह दो स्ट्रोक्स से चूक गई।

ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक के करीब पहुंची अदिति ने सुबह दूसरे नंबर से शुरूआत की थी लेकिन वह पिछड़ गई। रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही अदिति ने हालांकि आशातीत प्रदर्शन किया है। आखिरी दौर में उन्होंने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाया और नौवें तथा 11वें होल पर बोगी किये।

दुनिया की नंबर एक गोल्फर नैली कोरडा ने दो अंडर 69 के साथ 17 अंडर कुल स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता । जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को के बीच रजत पदक के लिये प्लेआफ खेला गया जिसमें इनामी ने बाजी मारी।

तूफान के कारण कुछ समय खेल बाधित रहा जब 16 होल पूरे हो चुके थे। अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी लेकिन दो बोगी से वह को से पीछे रह गई जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाये। हार के बाद अदिति ने कहा कि चौथे स्थान पर रहकर खुश होना संभव नहीं है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ किसी और टूर्नामेंट में मुझे खुशी होती लेकिन ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल है । मैने अच्छा खेला और अपना शत प्रतिशत दिया।” आखिरी दौर में पांच बर्डी और दो बोगी करने वाली अदिति ने कहा , “मुझे लगता है कि आखिरी दौर में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों की इस खेल में रूचि बढेगी जिसे अभी तक अभिजात्य वर्ग का खेल माना जाता रहा है। उन्होंने कहा ,‘‘ काश मैं पदक जीत पाती लेकिन मुझे उम्मीद है कि अभी भी सब खुश होंगे । मैने आखिरी दौर से पहले इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा कि लोग मुझे टीवी पर देख रहे हैं।’’

अदिति ने कहा ,‘‘ कुछ और अच्छे प्रदर्शन से खेल में लोगों की रूचि बढेगी । ज्यादा बच्चे गोल्फ खेलने लगेंगे।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैने गोल्फ खेलना शुरू किया तो कभी सोचा नहीं था कि ओलंपिक खेलूंगी । गोल्फ उस समय ओलंपिक का हिस्सा नहीं था । कड़ी मेहनत और अपने खेल का पूरा मजा लेकर आप यहां तक पहुंच सकते हैं ।’’

यह पूछने पर कि क्या उन्हें इसकी जानकारी है कि मिल्खा सिंह जैसे महान खिलाड़ी ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे हैं और अब वह उनकी श्रेणी में है, अदिति ने कहा ,‘‘ नहीं मुझे नहीं पता था कि मैं उस क्लब में हूं। उस क्लब में शामिल नहीं होना चाहती थी लेकिन हो गई। वैसे अच्छा है ।ओलंपिक में शीर्ष पांच या दस में रहना अच्छा है।’’

अदिति लेडीज यूरोपीय टूर क्वालीफाइंग स्कूल जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी थी। लेडीज यूरोपीय टूर पर जीत दर्ज करने वाली वह पहली भारतीय बनी जब उन्होंने 2016 में हीरो महिला इंडियन ओपन जीता। अब तक वह 18 मेजर खेल चुकी है जो पुरूष और महिला दोनों वर्ग में किसी भारतीय का रिकॉर्ड है।