भारत और श्रीलंका के बाछ खेले जा रहे तीसरे टी20 मुक़ाबले में भारतीय क्रिकेट टीम मात्र 81 रनों के मामूली स्कोर पर ढेर हो गई। टीम के मात्र तीन बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा छू पाये। भारतीय उपकप्तान भुवनेश्वर कुमार मुश्किल वक़्त में कुलदीप यादव के साथ टीम को संभालने की कोशिश की। लेकिन वे नाकाम रहे और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का एक शर्मनाक रिकॉर्ड पर नाम कर गए।

श्रीलंका के लेग स्पिनर वाहिंदु हसरंगा के सामने भारत के अनुभवहीन बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिये। खराब शुरुआत करते हुए भारत ने मात्र 36 रन के स्कोर पर 5 विकेट खो दिये। इसके बाद भुवनेश्वर ने एक छोर संभाला और धीरे-धीरे कुलदीप यादव के साथ पारी को आगे बढ़ाया। लेकिन हसरंगा की गेंद पर वे शनाका को कैच दे बैठे और 31 गेंद पर बिना कोई बाउंड्री लगाए 16 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

इसी के साथ भुवनेश्वर ने टी20 मैच में इतनी ज्यादा गेंद खेलकर बाउंड्री न लगाने का इरफान पठान और महेंद्र सिंह धोनी का शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। भुवी से पहले 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इरफान ने 30 गेंद खेलकर और धोनी ने 27 गेंद खेलकर एक भी बाउंड्री नहीं लगाई थी।

भुवी के अलावा कुलदीप यादव ने ने भी 28 गेंद खेलकर 23 रन बनाए और एक भी बाउंड्री नहीं लगाई। भारत का भाग्य केवल टॉस ने दिया लेकिन पहले बल्लेबाजी का उसका फैसला सही नहीं रहा। भारत के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें सातवें नंबर पर उतरे कुलदीप यादव ने सर्वाधिक नाबाद 23 रन बनाये।

कुलदीप 11 ओवर तक क्रीज पर जमे रहे जिससे भारत पूरे 20 ओवर खेलने और अपने न्यूनतम स्कोर (74 रन, बनाम आस्ट्रेलिया, 2008) को पार करने में सफल रहा। भारत का यह पूरे 20 ओवर खेलने के बाद टी20 में न्यूनतम स्कोर है। भारत की तरफ से केवल चार चौके लगे।

पिच से स्पिनरों को मदद मिल रही थी और बल्लेबाजों के पास हसरंगा की बलखाती गेंदों का कोई जवाब नहीं था जिन्होंने नौ रन देकर चार विकेट लिये। कप्तान दासुन शनाका (20 रन देकर दो) ने दो जबकि दुशमंत चमीरा और रमेश मेंडिस ने एक – एक विकेट लिया।

क्रुणाल पंड्या के कोविड पॉजिटिव पाये जाने के बाद उनके संपर्क में आने वाले आठ खिलाड़ी भी अलग थलग कर दिये गये थे। भारत के पास ऐसे में केवल पांच विशेषज्ञ बल्लेबाज बचे थे जो अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा पाये।