ICC Women’s T20 World Cup: भारतीय क्रिकेट टीम ने 8 मार्च 2020 यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आईसीसी वुमन्स टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला। टी20 वर्ल्ड कप में उसका यह पहला फाइनल था। हालांकि, फाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी और उसका पहली बार चैंपियन बनने का सपना टूट गया।

इसके बावजूद टूर्नामेंट में भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन को काफी सराहा जा रहा है। खासकर 16 साल की शेफाली वर्मा और अनुभवी लेग स्पिनर पूनम यादव की काफी तारीफ हो रही है। आखिरकार भारत को पहली बार फाइनल में पहुंचाने में इन दोनों खिलाड़ियों का अहम योगदान जो रहा था।

ऑस्ट्रेलिया में खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप में भारत की शेफाली वर्मा ने 5 मैच में 32.60 के औसत से 163 रन बनाए। वे इस वर्ल्ड कप में भारत की टॉप स्कोरर रहीं। वे छक्के (9) मारने के मामले में ऑस्ट्रेलिया की एलीसा हीली के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं।

शेफाली ने एक इंटरव्यू में अपनी क्रिकेट की यात्रा के बारे में बात की। इस इंटरव्यू को टी20 वर्ल्ड कप के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया गया है। इसमें शेफाली ने कई सवालों के जवाब दिए हैं।

आपकी क्रिकेट की जर्नी कैसे शुरू हुई के सवाल पर शेफाली ने कहा, ‘सबसे पहले मेरे पापा क्रिकेट खेलते थे, लेकिन किसी ने इतना सपोर्ट नहीं किया। उस टाइम में किसी को पता नहीं था कि क्रिकेट में कैसे आगे बढ़ा जाए। फिर पापा का ड्रीम पूरा नहीं हुआ। उन्होंने सोचा की अपने बच्चों को ही क्रिकेट सिखाने के लिए ले गए। पापा सबसे पहले मेरे भाई को लेकर गए। मुझे उस दिन कुछ नहीं कराया था।’

 

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Shafali Verma with Ridhima Pathak to discuss her background, and her stunning T20 World Cup so far!  #T20WorldCup

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शेफाली ने आगे कहा, ‘पापा ने मुझसे कहा था कि सिर्फ गेंद उठाकर दो। एक घंटे बाद उन्हें मुझ पर तरस आया। उन्होंने एक-दो गेंद खेलने के लिए कहा। मैंने अच्छे शॉट लगाए। मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं क्रिकेट स्टार्ट कर सकती हूं तो उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें अच्छा लगे तो खेलो। उन्होंने एकेडमी ढूंढी, लेकिन मिली नहीं। इसके बाद एक-दो साल भाई के साथ अभ्यास कराया।’

पापा ने क्या आपके बाल कटवाए थे। इस सवाल पर शेफाली बोलीं, ‘दरअसल, मैं लड़कों के साथ खेलना चाहती थी। वे कहते थे कि क्या खेलेगी, गेंद लग जाएगी। तो फिर मैंने परेशान होकर पापा को कहा कि वे मुझे नहीं खेलने दे रहे क्या मैं बाल कट करी सकती हूं क्या? पापा ने कहा कि हां क्रिकेट के लिए कट करा सकती है। फिर पापा ने बाल कट करा दिए। पापा ने मुझे बहुत मेहनत कराई। फिर उसके बाद बहुत मुश्किल से मैं लड़कियों की एकेडमी में मिली। मैं लड़कियो के साथ बहुत अच्छा खेली तो उन्होंने मुझे ब्यॉज में खेलने के लिए कहा। उसके बाद 2013 में सीनियर्स में मेरा प्रदर्शन सही रहा था।’

भाई की जगह खेलकर आप मैन ऑफ द सीरीज भी बन चुकी हैं। इस पर शेफाली ने कहा, ‘हां, यह बिल्कुल सही है। मेरा भाई बीमार हो गया था, तो पापा ने उसे बोला कि अब तू जा नहीं सकता है। तो मैंने कहा पापा क्या मैं जा सकती हूं। इसके मैं वहां गईं। भाई की टीशर्ट पहनकर खेली और मैन ऑफ द सीरीज बनीं।’

बता दें कि शेफाली 16 साल की उम्र में ही टी20 में नंबर-1 बल्लेबाज भी बन चुकी हैं। वे आईसीसी रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज होने वाली मिताली राज के बाद दूसरी भारतीय हैं। हालांकि, वे ज्यादा दिन इस स्थान पर नहीं टिक पाईं।