एथलेटिक्‍स की दुनिया की गवर्निंग बॉडी द काउंसिल ऑफ द इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ एथलेटिक्‍स फेडरेशन (IAAF) ने शुक्रवार को फैसला किया कि रूसी एथलीट्स पर डोपिंग को लेकर लगा बैन जारी रहेगा। रूसी एथलेटिक्‍स फेडरेशन ने यह जानकारी दी है। इससे इसी साल होने वाले रियो ओलिंपिक्‍स में रूस की उम्‍मीदों को झटका लग सकता है। हालांकि, अगले हफ्ते होने वाले ओलिंपिक्‍स के आला अधिकारियों की बैठक में इस बात पर आखिरी फैसला हो सकता है। बता दें कि रूस को स्‍पोर्ट्स की दुनिया की दूसरी महाशक्‍त‍ि माना जाना जाता है। 2012 ओलिंपिक्‍स में पदक तालिका में वे अमेरिका से नीचे दूसरे नंबर पर थे।

IAAF की वियना में होने वाली मीटिंग में इस बात का फैसला होना था कि रूसी एथलीट्स पर से बैन हटाया जाए कि नहीं। इससे पहले, एक टास्‍क फोर्स ने शिकायत की थी कि रूस में डोपिंग से जुड़ी समस्‍याएं अब भी बनी हुई हैं। रूसी एथलीट्स पर रोक बीते साल नवंबर में लगी थी, जिसे मार्च में जारी रखा गया था।

रूस की टास न्‍यूज एजेंसी ने रशियन एथलेटिक्‍स फेडरेशन के प्रवक्‍ता के हवाले से कहा कि IAAF काउंसिल ने बैन न हटाने का फैसला किया है। नवंबर में बैन उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद लगा, जब वर्ल्‍ड एंटी डोपिंग एजेंसी वाडा के एक स्‍वतंत्र कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि रूस में सरकार प्रायोजित डोपिंग फल-फूल रहा है। बाद में नार्वे के रून एंडरसन की अगुआई में बनी टास्‍क फोर्स को जिम्‍मेदारी दी गई कि वे रूस के एंटी डोपिंग प्रोग्राम पर नजर रखें। मार्च में उन्‍होंने रिपोर्ट दी कि इस दिशा में प्रभावशाली ढंग से काम किए जाने की जरूरत है। बीते बुधवार को वाडा ने एक रिपोर्ट जारी की। इसमें डोपिंग टेस्‍ट में फेल होने से जुड़े 52 मामलों का खुलासा हुआ। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि किस तरह से ड्रग्‍स से जुड़ी जांच से बचने, उसमें बाधा डालने या टेस्‍ट करने वालों को धमकाने की कोशिश की गई। कहा गया कि रूस में डोपिंग से जुड़ी संस्‍कृति को बदलने की कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं।