पिछले दो साल में भले ही वह कोई विश्व खिताब नहीं जीत सके हों लेकिन भारत के धुरंधर शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद अपने प्रदर्शन से खुश हैं और उन्होंने खुद को दस में से आठ अंक दिये।
विश्व चैम्पियनशिप मुकाबले में मैग्नस कार्लसन के हाथों लगातार दूसरी हार के बाद आनंद ने लंदन क्लासिक खिताब जीतकर साल का शानदार अंत किया। उन्होंने कहा,‘‘2014 अच्छा रहा क्योंकि मुझे जरूरत पड़ने पर ब्रेक मिले और मैने जीत भी दर्ज की। हर समय झूठी सकारात्मकता दिखाना मुश्किल होता है लेकिन नतीजे अच्छे होने पर दिखावे की जरूरत नहीं। आप स्वत: खुश हो जाते हैं।’’
आनंद ने कहा,‘‘ मैं 2014 में दस में से खुद को आठ अंक दूंगा। पिछले दो तीन साल की बात करें तो यह अधिक होगा।’’
उन्होंने कहा कि उनकी नजरें अगले साल पर है और वह इसमें कई टूर्नामेंट खेलेंगे। उन्होंने एनआईआईटी द्वारा आयोजित समारोह में कहा,‘‘ मैने तीन टूर्नामेंट जीते लिहाजा यह साल अच्छा रहा। मैं फिर शतरंज खेलकर बहुत खुश हूं। अगले साल का मुझे बेताबी से इंतजार है।’’
उन्होंने कहा,‘‘अगले साल मैं फरवरी में जर्मनी और ज्यूरिख में दो टूर्नामेंट खेलूंगा जिसमें अधिकांश शीर्ष खिलाड़ी भाग लेंगे। मैं अगले साल हर महीने खेलेंगे। अगले साल कोई विश्व चैम्पियनशिप नहीं है लिहाजा मुझे अधिक टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा।’’
आनंद ने कहा कि इस साल मार्च में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में मिली जीत से उनके कैरियर को नया जीवन मिला। उन्होंने कहा,‘‘इस साल मैने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता जो पिछले एक साल में जीता पहला टूर्नामेंट था। उस समय मैं अच्छे नतीजे के इंतजार में था क्योंकि तब तक खराब नतीजों की सफाई देकर थक चुका था।’’
उन्होंने कहा,‘‘ उसके बाद मैने बिलबाओ और लंदन में अच्छा प्रदर्शन किया। मैं मौके गंवाने से खुश नहीं था लेकिन इसके बारे में नहीं सोचना चाहता। कुल मिलाकर मैं सकारात्मक महसूस कर रहा हूं और खुश हूं।’’