विश्व टैस्ट चैंपियनशिप फाइनल का इंतजार कर रहे क्रिकेट प्रशंसकों को जिस स्तर के रोमांच की उम्मीद थी, वह शायद नहीं मिल पाया। बारिश के खलल ने इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले का कबाड़ा कर दिया। पांच दिवसीय मुकाबले में एक दिन रिजर्व रखने के बाद भी करीब 200 अहम ओवर का खेल नहीं हो पाया। मैच के दौरान न्यूजीलैंड की टीम ने काफी बेहतर किया। वहीं भारतीय टीम की कई खामियां फिर सामने आ गर्इं। मसलन, स्विंग के सामने भारतीय बल्लेबाज जूझते नजर आए।

शॉर्ट पिच गेंद पर बचने-बचाने के अलावा उन्हें कोई राह नहीं सूझी। गेंदबाजी में भी बुमराह की धार कुंद पड़ गई। अन्य गेंदबाजों को भी मौसम के सहारे ही विकेट मिले। हालांकि इस बीच ईशांत शर्मा की उपलब्धि ने जश्न का मौका दिया। वे विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव को पीछे छोड़कर इंग्लैंड में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। साथ ही विदेशी जमीन पर 200 विकेट का आंकड़ा भी पूरा किया। भारत के क्रिकेट में बर्चस्व को आकते हुए अब उससे विदेशी जमीन पर भी उसी स्तर के प्रदर्शन की उम्मीद होगी जैसी घरेलू मैदान पर टीम को होती है।

ईशांत ने तोड़ा कपिल का इंग्लैंड में सबसे ज्यादा विकेट का रेकॉर्ड

ईशांत शर्मा का विदेशी पिचों पर प्रदर्शन लागातार शानदार रहा है। अनुभव के साथ उन्होंने अपने खेल को काफी निखारा है। यही कारण है कि विश्व टैस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के दौरान उन्होंने दो रेकॉर्ड अपने नाम किए। विदेशी जमीन पर 200 विकेट का आकड़ा पाने वाले वह चौथे गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने इसके साथ ही कपिल देव को पीछे छोड़कर इंग्लैंड में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए।

ईशांत के अब तक प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने 102 टैस्ट खेलते हुए 304 विकेट चटकाए हैं। 11 बार उन्होंने पारी में पांच विकेट लिए। एक बार ऐसा मौका भी आाया जब उन्होंने दोनों पारी मिलाकर 10 विकेट बोर्ड पर टांगे। 74 रन खर्च कर सात विकेट हासिल करना अब तक की उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन रहा है। एक बात जो सबसे ज्यादा दिलचस्प है वह यह है कि घरेलू जमीन से ज्यादा उन्होंने विदेशी पिचों पर विकेट चटकाए हैं। एक तरफ जहां भारतीय टीम पर घर का शेर होने का ठप्पा लगता है, वहीं ईशांत ने विदेशी जमीन पर ही अपने जलवे दिखाए हैं।

उन्होंने पूरे करिअर के दौरान भारत में 41 टैस्ट खेले हैं। इनमें उन्होंने 104 विकेट अपने नाम किए हैं। वहीं विदेशी पिच पर ईशांत ने कुल 61 टैस्ट खेल हैं। इसमें वर्तमान विश्व टैस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी शामिल है। इनमें करीब 200 विकेट हासिल किए हैं। घरेलू जमीन पर उन्होंने दो बार पारी में पांच विकेट चटकाने का कारनामा किया है वहीं विदेशी जमीन पर उन्होंने नौ बार पारी में पांच विकेट लिए हैं।

विदेशी जमीन पर विकेट चटकाने वाले शीर्ष पांच भारतीय गेंदबाजों में सबसे पहला नाम अनिल कुंबले का है जिनके नाम कुल 69 मैचों में 269 विकेट हैं। इसके बाद कपिल देव है जिन्होंने 66 मैच में 215 विकेट अपने नाम किए। जहीर खान तीसरे स्थान पर आते हैं जिनके नाम कुल 54 मैचों में 207 विकेट हैं। ईशांत ने 200 विकेट का आंकड़ा पार करने के लिए 61 मैचों का सफर तय किया।

तेज गेंजबाजी के अगुआ
बुमराह भटक गए राह

भारतीय टीम के शीर्ष पर पहुंचने तक के सफर में तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह ने अहम भूमिका निभाई है। एक समय था जब उनका चलना, भारत की जीत में महत्त्वपूर्ण कारक माना जाता था। हालांकि कुछ वक्त से उनकी गेंदबाजी की धार कुंद पड़ गई है। न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथम्पटन में खेले गए मुकाबले में भी कुछ खास नहीं कर पाए। आलम यह रहा कि पहली पारी में 26 ओवर में 57 रन खर्च करने के बाद भी उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला।

आइसीसी टैस्ट रैंकिंग में 11वें नंबर पर काबिज बुमराह की यह लय भी कीवी टीम के खिलाफ ही 2020 के बाद ही खराब हुई है। इस दौरे पर बुमराह ने चार टैस्ट पारियों में छह विकेट चटकाए थे। उस वक्त ऐसा लगा कि बुमराह का खराब फॉर्म जल्द ही ठीक हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दौरे के बाद भी 10 पारी में सिर्फ 15 विकेट ही ले सके थे।

वहीं न्यूजीलैंड दौरे से ठीक पहले तक बुमराह ने 12 टैस्ट में 62 विकेट झटके थे। इस दौरान उनका औसत हर टैस्ट में पांच विकेट का था, जो अगले सात टैस्ट में नहीं दिखा। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 21 विकेट ही चटकाए। विश्व टैस्ट फाइनल से पहले उन्होंने 19 टैस्ट में सिर्फ 83 विकेट ही चटकाए। बुमराह ने पिछले साल आॅस्ट्रेलिया दौरे पर तीन एक दिवसीय में चार और छह टैस्ट पारियों में कुल 11 विकेट चटकाए थे। हालांकि इसके बाद वे चोटिल हो गए। इसके बाद फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू शृंखला में दो टैस्ट में खेलते हुए महज चार विकेट ही अपने नाम कर पाए।

बुमराह की धारदार गेंदबाजी के कुंद होने के पीछे बल्लेबाजों की अति सतर्कता भी जिम्मेदार है। उन्होंने पांच जनवरी 2018 को टैस्ट पदार्पण किया था। तब से वे अपने गेंदबाजी और गेंदबाजी एक्शन के लिए चर्चा में रहे। उनकी गेंदबाजी को समझ पाना बल्लेबाजों के लिए पहले बन गया था। हालांकि उन्नत तकनीक के इस जमाने में बल्लेबाजों ने बुमराह की गेंदबाजी का तोड़ निकाल लिया है। यह एक कारण है कि हम मैच में उस स्तर पर सफल नहीं हो पा रहे।