भारतीय हॉकी लीग में महिला और पुरुष टीमों के लिए ऑक्शन हुआ जिसमें 1000 खिलाड़ियों की किस्मत का फैसला किया गया। महिला टीमों के लिए पर्स दो करोड़ रुपए है वहीं पुरुष टीमों के लिए यह रकम दुगुनी थी। पुरुष टीमों के लिए चार करोड़ रुपए का पर्स रखा गया था। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की और महासचिव भोलनाथ ने इसकी वजह बताई।
महिला और पुरुष टीमों के पर्स में अंतर
महिला हॉकी लीग के ऑक्शन में चार टीमें शामिल हुई थीं। वहीं पुरुष टीमों में यह संख्या छह तक थी। हॉकी इंडिया अधिकारियों के मुताबिक खिलाड़ियों की संख्या और टीमों के बढ़ने पर पर्स भी बढ़ाया जाएगा। फिलहाल यह जरूरी है महिलाओं की लीग शुरू की जाए।
आने वाले समय में बढ़ सकता है पर्स
भोलनाथ ने बताया कि पर्स में अंतर का कारण टीमें हैं। उन्होंने कहा, ‘पुरुष लीग में ज्यादा टीमें हैं और उनके मैचों की संख्या भी ज्यादा है। यही कारण है कि उनका पर्स ज्यादा है।’ वहीं अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने भी अंतर होने का यही कारण बताया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में टीमों की संख्या बढ़ेगी और साथ ही टीमों का पर्स बढ़ भी सकता है।
ऑक्शन में बाद में आने वाली टीमों को होगा नुकसान
ऑक्शन में बिके सभी खिलाड़ियों का फ्रेंचाइजी से तीन साल का करार होगा। हॉकी इंडिया के मुताबिक अगले सीजन में महिला टीमों की संख्या चार से छह हो जाएंगी। हालांकि अगले सीजन में आने वाली टीमों को बचे हुए खिलाड़ियों के पूल से ही अपने 24 प्लेयर्स का स्क्वाड तैयार करना होगा।