भारत में एक बार फिर से हॉकी इंडिया लीग की वापसी हो रही है। नई टीमों, नए युवा खिलाड़ियों और नए कोचेज के साथ इस लीग से एक बार फिर से युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। लीग में एसजी स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट लिमिटेड ने दिल्ली की टीम खरीदी है जो कि महिला और पुरुष दोनों वर्ग में उतरेगी। इस टीम में इवेंसमेंट करने वाली कंपनी एसजी ग्रुप की पहले से ही अलग-अलग लीग्स में 10 टीमें हैं। टीम के एमडी और चेयरमैन संजय गुप्ता ने हॉकी में इवेंटसमेंट करने की बड़ी वजह बताई।

एसजी ग्रुप ने टेबल टेनिस लीग यूटीटी,ग्लोबल चेस लीग, टेनिस प्रीमियर लीग, पैडल स्पोर्ट्स में भी टीम है। मध्यप्रदेश और उत्तराखंड की टी20 लीग में भी उनकी टीम है। एसजी ग्रुप के एमडी का कहना है कि उनकी क्रिकेट लीग के इतर बाकी खेलों में इंवेसमेंट में ज्यादा दिलचस्पी है। इसका कारण है चीन है।

दिल्ली एसजी पाइपर्स के लॉन्च के दौरान संजय गुप्ता से सवाल किया गया कि जब दुनिया क्रिकेट में इनवेस्ट करना चाह रही है तो उन्होंने हॉकी को क्यों चुना। संजय गुप्ता ने कहा कि भारत में क्रिकेट को प्रमोशन की जरूरत नहीं है। वह चाहते हैं कि भारत ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा मेडल लाए।

संजय सिंह ने बताया, ‘मेरा एक विजन है। हमारे देश की जनसंख्या 150 करोड़ है। हमारा पड़ोसी देश चीन है जो कि ओलंपिक में जाता है तो 100 और 200 मेडल लाता है। हम हर रोज यह सोचते थे कि एक मेडल आ जाए। पेरिस ओलंपिक में सुबह उठता था और देखता था कि रात में कोई मेडल आया या नहीं आया।’

उन्होंने आगे कहा, ‘क्रिकेट भारत में सब खेलते हैं लेकिन यह सबके लिए ऑप्शन नहीं है। क्रिकेट के सहारे कितने बच्चे आगे जा सकते हैं। 2000, चार हजार और पांच हजार बच्चे। एक कॉपरेट कंपनी और भारतीय होने के नाते हमारा विजन है कि हम बाकी खेलों को भी आगे बढ़ाए। क्रिकेट को प्रमोशन की जरूरत नहीं है। जहां भी क्रिकेट होता है लोग पहुंच जाते हैं। यह हमारी आपकी और भारत में सभी की जिम्मेदारी की हम बाकी खेलों को प्रमोट करें और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करें।’

संजय गुप्ता ने आगे कहा कि भारत ओलंपिक की मेजबानी की कोशिश कर रहा है। कई देश दो-दो बार मेजबानी कर चुके हैं लेकिन भारत ने अब तक एक भी बार ऐसा नहीं किया है। ऐसे में जब भारत मेजबानी हासिल करने की कोशिश में हैं यह जरूरी है कि भारत ओलंपिक खेलों में भी अच्छा हो।

संजय गुप्ता ने यहां यह भी बताया कि उन्होंने दिग्गज खिलाड़ी पीआर श्रीजेश को खिलाड़ी की जगह डायरेक्टर के तौर पर अपनी टीम के साथ क्यों जोड़ा। उन्होंने कहा, ‘श्रीजेश ने बहुत गोल किए लेकिन अब मैं चाहता हूं कि वह अपने दिमाग से गोल करें। हर एक मैच में गोलकीपर मैच संभाल रहा होता है। वह ऐसी जगह होता है जहां से सब साफ दिखता है। वह बहुत माइंड गेम खेलते हैं और मैं चाहता हूं कि वह हमारी टीम के लिए यह करें।’