हार्दिक पंड्या और क्रुणालो पंड्या की गिनती बेस्ट ऑलराउंडर्स में की जाती है। हार्दिक पंड्या कमर की सर्जरी के कारण पिछले कई महीनों से क्रिकेट से दूर हैं। हालांकि, उनके इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से वापसी की संभावना थी, लेकिन कोरोनावायरस के कारण यह टूर्नामेंट अभी नहीं हो रहा है। कोरोनावायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई 2020 तक बढ़ा दिया है।
ऐसे में सभी आम और खास अपने-अपने घरों पर रहने को मजबूर हैं। हालांकि, फैंस से रूबरू होने का वे कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस बीच, क्रुणाल पंड्या ने क्रिकबज से हुई बातचीत में कई खुलासे किए हैं।
क्रुणाल ने बताया कि पैसे की किल्लत के चलते उन्हें क्रिकेट किट मैनेज करने में काफी परेशानी होती थी। क्रुणाल ने कहा, हां शुरुआती दिनों में यह बहुत कठिन और महंगा भी था। क्रुणाल क्योंकि एक ऑलराउंडर हैं, इसलिए उन्हें पूरी किट की जरूरत पड़ती थी। क्रुणाल ने कहा उस समय एक अच्छा बल्ला 7-8 हजार के बीच आता था। उस समय हमारे लिए यह काफी बड़ी राशि थी।
क्रुणाल ने बताया, ‘हम दोनों भाई क्रिकेटर थे, इसलिए डैड पर भी डबल रिस्पांसबिलिटी थी। यही वजह थी कि हम दोनों भाई के बीच एक ही बल्ला था। हम दोनों उसी बल्ले से खेलते थे। रणजी ट्रॉफी तक हम लोगों के पास अपने-अपने अलग बैट नहीं थे।’
क्रुणाल ने कहा, ‘मुझे याद है कि हम विजय हजारे टूर्नामेंट खेल रहे थे। उस समय तक हार्दिक के पास एक बैट था, जो उसे इरफान पठान ने दिया था। मेरे पास भी एक बैट था। लेकिन दूसरे या तीसरे मैच में हार्दिक का बल्ला टूट गया। हार्दिक तीसरे या चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए जाता था। मैं बैटिंग 6 या 7 नंबर पर बल्लेबाजी करता था।’
क्रुणाल के मुताबिक, ‘उस मैच में हार्दिक के पास बैट नहीं था। इसलिए वह मेरा बैट लेकर खेलने गया। उसने मुझसे कहा कि यदि मैं आउट हो गया तो ठीक है, तुम बल्ला ले लेना, लेकिन नहीं आउट हो तो फिर तुम अपना देख लेना। हालांकि, उस मैच में मुझे बल्ला मांगने की नौबत नहीं आई।’
उन्होंने बताया, ‘अगले मैच में हार्दिक खेल रहा था और मेरा बल्लेबाजी करने का नंबर आ गया। अब मैं सोच रहा था कि क्या करूं। कैसे मैनेज करूं। फिर मैंने अपने टीम के एक साथी से रिक्वेस्ट की। मुझे शर्म भी आ रही थी। किसी से बैट मांगना। मैंने किसी तरह हिम्मत जुटाकर कहा कि तुम्हारे पास जो भी स्पेयर बैट हो वह मुझे दे दो, क्योंकि मेरा बैट हार्दिक लेकर खेल रहा है। रणजी ट्रॉफी तक यही हाल था। बहुत संभालकर रखते हम अपना बैट।’
