कार रेसिंग के दिग्गज खिलाड़ी लुइस हैमिल्टन ने रविवार को ब्राजील ग्रां प्री जीतकर एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम की। बता दें कि इस सत्र में यह लुइस हैमिल्टन की 10वीं जीत थी। इसके बाद लुइस हैमिल्टन के इस साल भी वर्ल्ड चैंपियन बनने का रास्ता साफ हो गया है। इसी बीच फार्मूला रेसिंग चैंपियनशिप वियतनाम पहुंच गई है। फॉर्मूला वन ने वियतनाम ग्रां प्री के साथ 10 साल की डील साइन की है। इसके तहत वियतनाम की राजधानी हनोई में साल 2020 में पहली बार रेसिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। हालांकि वर्ल्ड चैंपियन लुइस हैमिल्टन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत का जिक्र करते हुए ब्रिटिश ड्राइवर लुइस हैमिल्टन ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि वह जब भी ‘भारत जैसी गरीब जगह’ जाते हैं तो बड़ा ही विरोधाभास महसूस करते हैं। लुइस हैमिल्टन ने कहा कि “भारत में रेस शुरु होने से पहले वह वहां गए थे और यह बेहद अजीब था कि भारत एक बहुत ही गरीब देश है, इसके बावजूद वहां बहुत ही बड़ा और शानदार ग्रां प्री ट्रैक बना दिया गया। इसके चलते जब मैं वहां रेसिंग के लिए गया तो मुझे बहुत ही विरोधाभास महसूस हुआ।”
बता दें कि हाल के सालों में फॉर्मूला वन रेसिंग कई देशों में फैली है। पिछले कुछ समय में चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, आबु धाबी, बहरीन, रुस, अजरबैजान, टर्की जैसे देशों में भी फॉर्मूला वन ने दस्तक दी है। 5 बार के रेसिंग वर्ल्ड चैंपियन लुइस हैमिल्टन ने इस मुद्दे पर कहा कि ‘रेसिंग के लिहाज से देखें तो मुझे नहीं पता कि नई जगह जाना कितना महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास सिल्वरस्टोन ग्रां प्री और लंदन ग्रां प्री जैसे ट्रैक हैं तो ये बहुत अच्छी बात होगी। रेसिंग के मामले में लोकप्रिय जगहों पर लुइस हैमिल्टन ने साल में सिर्फ एक बार रेस कराने पर भी नाखुशी जाहिर की। हैमिल्टन ने कहा कि यदि मैं इस बिजनेस में होता तो मैं उन देशों में जहां रेसिंग काफी लोकप्रिय है, वहां ज्यादा इवेंट कराने की कोशिश करता।
नई जगहों पर फॉर्मूला वन के आयोजन और उनमें आने वाले दर्शकों की कम संख्या पर लुइस हैमिल्टन ने कहा कि हम टर्की में ग्रां प्री का आयोजन करते हैं, लेकिन वहां मुश्किल से दर्शक आते हैं। तुर्की में ट्रैक अच्छा है, लेकिन वहां दर्शकों की संख्या काफी कम रहती है। हैमिल्टन का मानना है कि जिन देशों में फॉर्मूला वन काफी लोकप्रिय है, वहां अलग-अलग शहरों में भी रेसिंग का आयोजन कराया जा सकता है, जो कि ज्यादा अच्छा रहेगा। लेकिन ये जरुरी नहीं है कि जिन देशों में रेसिंग लोकप्रिय नहीं है, वहां भी फॉर्मूला वन का आयोजन कराया जाए।