भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और बंगाल रणजी टीम के वर्तमान कोच अरुण लाल 2 मई 2022 को एक निजी समारोह में लंबे समय से अपनी दोस्त बुलबुल साहा के साथ शादी के बंधन में बंधेंगे। 66 साल के बंगाल के पूर्व सलामी बल्लेबाज 38 साल की बुलबुल के साथ लंबे समय से रिश्ते में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जोड़े ने लगभग एक महीने पहले सगाई की थी। अब दोनों ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए पूरी दुनिया के सामने अपने रिश्ते को आधिकारिक नाम देने का फैसला किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण लाल की पहली शादी रीना से हुई थी, लेकिन बाद में आपसी सहमति से दोनों ने तलाक ले लिया। तलाक के बाद अरुण लाल और रीना अलग हो गए थे। हालांकि, रीना की बीमारी के चलते अरुण लाल लंबे समय से उनके साथ हैं और उनकी देखभाल कर रहे हैं।

न्यूज 18 बंगाली की एक रिपोर्ट के अनुसार, रीना काफी लंबे समय से बीमार चल रही हैं। अरुण लाल अपनी पहली पत्नी रीना की देखभाल कर रहे हैं। रीना की मंजूरी लेने के बाद ही अरुण दूसरी शादी कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि शादी के बाद अरुण और बुलबुल दोनों बीमार रीना की देखभाल करेंगे।

सोशल मीडिया पर वायरल अरुण लाल और बुलबुल की शादी का कथित कार्ड। (सोर्स- ट्विटर)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण लाल ने शादी के कार्ड छपवा लिए हैं। शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर भी वायरल है। सोशल मीडिया पर वायरल कार्ड के मुताबिक, दोनों की शादी 2 मई को कोलकाता के पीयरलेस इन होटल में होनी है। शादी के बाद एक शानदार रिसेप्शन भी देने की तैयारी है। बुलबुल पेशे से शिक्षिका हैं।

अरुण लाल 1989-90 में बंगाल की रणजी ट्रॉफी विजेता टीम के सदस्य थे। उन्होंने टूटे टखने के साथ यूनिवर्सिटी क्रिकेट में शतक लगाया था। साल 2016 में उन्हें जबड़े का कैंसर हो गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कैंसर को मात दी। हालांकि, उसके बाद कॉमेंट्री नहीं कर पाए। अरुण लाल को अगस्त 2019 में बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

अरुण लाल ने 1982 में श्रीलंका के खिलाफ मैच से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने उस मैच में सुनील गावस्कर के साथ पारी की शुरुआत की थी। उन्होंने 63 रन की पारी खेली थी। हालांकि, उनका टेस्ट करियर लंबा नहीं चला। अरुण लाल ने 1982 से 1989 के बीच 16 टेस्ट खेले। इसमें उन्होंने 26 के औसत से 729 रन बनाए।

उन्होंने 13 वनडे इंटरनेशनल मैच में भी खेले। इसमें वह 9.38 के औसत से 122 रन ही बना पाए। उन्होंने 1989 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला था। उन्होंने साल 2001 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। अरुण लाल ने क्रिकेट से संन्यास के बाद कॉमेंट्री भी की।