पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने दो ऐसी चीजों के बारे में बताया जो दिक्कत पैदा करती हैं। वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया कि पास्ट (बीता हुआ समय) और कास्ट ने हर जगह दिक्कत ही लाई है। सहवाग के इस ट्वीट के बाद लोगों के इसपर रिप्लाई आ रहे हैं। कौशल सिंह ने लिखा कि आज की तारीख में काबिल नहीं दलित बनो, कामयाबी झक मारके आएगी। अंकित ने लिखा कि अगर 300 रन बनाने हों तो एससी और एसटी वाले तो इंडिया में 120 रन बनाकर ही जीत सकते हैं। मोहित देवान ने लिखा कि कास्ट लोगों के दिलों में जहर घोलती है। रेनू भारतीय ने सहवाग की हां में हां मिलाते हुए लिखा सौ टके की बात सहवाग, मैं तो इसीलिए अपने नाम में भी भारतीय लिखती हूं।

विराट कोहली नाम के यूजर ने लिखा कि पास्ट बीते हुए कल और कास्ट आने वाले कल में दिक्कत पैदा करती है। ऋषि गुप्ता ने लिखा नहीं वीरू सर, पास्ट ने हमें सिखाया कहां गलती हुई जिससे अनुभव मिला और कास्ट से दुनिया को ये पता चलता है कि भारत मतलब अनेकता में एकता। सत्यम ने लिखा आदमी न अपना पास्ट भूल सकता है न अपनी कास्ट और जहां तक दिक्कत की बात है वो इनसे नहीं इनका इस्तेमाल करके लाई गई है। अंकित ने लिखा पास्ट में भी आप ही थे- क्रिकेट में। आज भी आप ही हो- ट्विटर पर। जादव ने लिखा आप ब्लास्ट लिखना भूल गए वीरू पाजी। पास्ट, कास्ट और ब्लास्ट ने हमेशा दिक्कत ही पैदा की है।

https://twitter.com/ding4dongcom/status/879208583833014273

https://twitter.com/renukadyan08/status/879358889233272832

एमकेजे ने लिखा की भारत और लोकतंत्र के लिए यह दोनों ही मीठा जहर हैं। अभिनव शुक्ला ने लिखा कि फिर भी लोग योग्यता को न चुनकर आरक्षण ही चाहते हैं। भले ही देश खोखला हो, डॉक्टर और इंजीनियर रिजर्वेशन में कम अंकों पर चयनित हो जाते हैं तो सुपरकंप्यूटर कैसे बनेगा। डॉक्टर विनम्रता सिंह ने लिखा कि अपने यहां तो फ्यूचर भी दिक्कत लगता है। बच्चों का बचपन छिन गया फ्यूचर और करियर के चक्कर में। कदामिनी ने लिखा कि पास्ट तो प्रेजेंट और फ्यूचर के साथ पीछे चला जाता है लेकिन कास्ट तो पीछा ही नहीं छोड़ती।