निशानेबाजी बच्चों का खेल नहीं होता है। धुआंधार आर्चर्स अक्सर यह बात कहते हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश में एक पांच साल की बच्ची ने यह बात सही साबित की है। तीर-कमान और निशाने लगाना उसके लिए खेल जैसे ही हैं। चेरूकुरी डॉली शिवानी (पांच) यहां विजयवाड़ा में परिवार संग रहती हैं। उन्होंने बीते रविवार को निशानेबाजी में दो रिकॉर्ड बनाए हैं। इन कारनामों के साथ उन्होंने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है।