खेल जगत में तो वैसे हर दिन ही खास होता है, लेकिन कभी-कभार कुछ ऐसे भी वाकये होते हैं जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अपनी जगह बना लेते हैं। ऐसा ही इतिहास है कुछ आज के दिन यानी कि 17 फरवरी का जब मौजूदा समय के क्रिकेट जगत के सबसे लोकप्रिय फॉर्मेट टी-20 का पहला मुकाबला खेला गया था। आज टी-20 मुकाबले क्रिकेट में आम हैं लेकिन जब इसका आगाज हुआ था तो ये प्रयोग के लिहाज से भी काफी अहम था जिसपर सभी की निगाहें थी, लेकिन इस प्रयोग ने लोकप्रियता का ऐसा मुकाम हासिल किया कि आज इसी फॉर्मेट में दुनिया के कोने-कोने में लीग रोमांचक लीग भी खेली जाती हैं। वहीं, इस टी-20 के मैचों ने क्रिकेट की लोकप्रियता को भी चार चांद लगा दिया। आइए आपको बताते हैं इस बेहद रोमांचक मुकाबले के बारे में….

17 फरवरी 2005 को पहली बार ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमें टी-20 मुकाबले में आमने-सामने थीं। यही पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी था, जिसके चलते ये दिन क्रिकेट इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर हो गया। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने न्यूजीलैंड को 44 रनों की करारी शिकस्त दी लेकिन इस मैच में रोमांच और कुछ आतिशी पारियां भी देखने को मिलीं।

ऐसे हुआ मुकाबलाः इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया और कप्तान रिकी पोंटिंग के 55 गेंदों में नाबाद 98 रनों की धुआधार पारी के दम पर 20 ओवर में कंगारुओं ने 214 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। पोंटिंग के अलावा एंड्रयू साइमंड्स ने 32 और माइक हसी ने 31 रन की पारी खेली थी। इसके जवाब में जब न्यूजीलैंड की टीम उतरी तो स्कॉट स्टाइरिश के 39 बॉल में 66 और ब्रैंडन मैकुलम के 24 गेंद में 36 रनों के बावजूद 20 ओवरों में 170 रन पर सिमट गई थी। इस मैच में पोंटिंग को मैन ऑफ द मैच का खिताब भी मिला और ऑस्ट्रेलिया ने इस पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में जीत के साथ आगाज भी किया था।