झारखंड की एथलीट गीता कुमारी को आर्थिक परेशानियों के कारण रामगढ़ जिले की गलियों में सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। गीता की स्थिति को लेकर जब उनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर की तब लोग मदद के लिए आगे आए। ट्विटर के जरिए ही राज्य के सीएम हेमंत सोरेन को गीता की तंगहाली की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने गीता की मदद का आदेश दिया। कई अन्य लोग भी गीता का अकाउंट नंबर मांग रहे हैं। कई मदद करने के लिए गीता के घर का पता पूछ रहे हैं।
सोरेन के आदेश के बाद गीता को रामगढ़ जिला प्रशासन से 50,000 रुपए और एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ाने के लिए 3,000 रुपये का मासिक वजीफा पाने में मदद मिली। सोरेन को पता चला था कि गीता वित्तीय समस्याओं के कारण सड़क किनारे सब्जी बेचने को मजबूर है। इसक बाद उन्होंने रामगढ़ के उपायुक्त को गीता की आर्थिक मदद करने का आदेश दिया, ताकि वह अपने एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ा सकें।
इसके बाद रामगढ़ के उपायुक्त (डीसी) संदीप सिंह ने गीता को 50,000 रुपये का चेक दिया। उन्होंने गीता को 3,000 रुपये मासिक वजीफा देने का भी ऐलान किया। खेल की दुनिया में एथलीट की सफलता की कामना करते हुए उपायुक्त ने कहा, ”रामगढ़ में कई खिलाड़ी हैं जो देश के लिए सफलता हासिल करने में सक्षम हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें समर्थन मिले।”
झारखंड की यह गोल्डन गर्ल गीता कुमारी हमारी शान हैं.आज जरूरत हैं हम सब को इस शान के सर को उच्चा करने का,उसे मदद करने का,आज ये सड़क पर सब्जी की दुकान लगा रही हैं. @HemantSorenJMM जी और @KirenRijiju जी से निवेदन है कि इनकी मदद करे।क्या पता कल ये हमारी नई ओलंपिक मेडलिस्ट हो. pic.twitter.com/3r3d9zCXBu
— Yogita Bhayana (@yogitabhayana) June 26, 2020
यही तो दुर्भाग्य है इस देश का कि प्रतिभाओं को सुविधाएं नहीं मिलती। हमारे प्रधानमंत्री जी खेलों की तारीफ भी करते। अब ये मंत्रियों और राज्यों की जिम्मेदारी कि उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले लेकिन किसी को राजनीति से फुरसत नहीं।
— Abhishek Mishra ‘Apin’ (@Abhishe74916152) June 26, 2020
गीता के लिए कई लोग पिछले एक हफ्ते से मदद की गुहार लगा रहे हैं। साथ ही मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारी ठीक से निभाने की अपील कर रहे हैं। गीता ने राज्य स्तर पर 8 गोल्ड मेडल जीते हैं। इसके अलावा कॉलेज स्तर पर भी उन्होंने तमाम मेडल अपने नाम किए हैं। एक वीडियो में गीता कह रही हैं कि ”मेरी आर्थिक स्थिति हमेशा से खराब रही है, लेकिन जब से लॉकडाउन हुआ है तब से ज्यादा ही हालात बदतर हो गए हैं।”
गीता के चचेरे भाई धनंजय प्रजापति ने कहा, ”वह हजारीबाग जिले के आनंद कॉलेज में बीए फाइल की छात्रा है। उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। अब प्रशासन की मदद मिलने से वह खुश हैं।” बता दें कि गीता ने राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में आठ स्वर्ण पदक हासिल किये है। उन्होंने कोलकाता में आयोजित प्रतियोगिताओं में एक रजत पदक और एक कांस्य पदक जीता था।
.@BokaroDc कृपया गीता बिटिया और उनके परिवार को जरूरी सरकारी मदद उपलब्ध कराते हुए सूचित करें। https://t.co/YB0TziEdOt
— Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) June 26, 2020


