Uefa champions league final 2021: इंग्लैंड का क्लब चेल्सी यूईएफए चैंपियंस लीग का नया चैंपियन बन गया है। वह दूसरी बार यह खिताब जीतने में सफल रहा है। पिछली बार 2012 में फाइनल अपने नाम किया था। चेल्सी ने फाइनल में अपने ही देश के क्लब मैनेस्टर सिटी को 1-0 से हरा दिया। मैनचेस्टर सिटी की टीम इस बार घरेलू टूर्नामेंट प्रीमियर लीग जीती थी, लेकिन यहां वह चैंपियन नहीं बन सकी। चेल्सी की जीत में गोलकीपर एडुवार्ड मेंडी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एडुवार्ड मेंडी चैंपियंस लीग फाइनल खेलने वाले अफ्रीका महादेश के पहले गोलकीपर हैं। उनका करियर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। एक समय ऐसा था जब उनके पास घर चलाने के लिए भी पैसे नहीं थे। पिछले साल जब बेरोजगारी के बारे में पूछा गया था उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘‘एक एजेंट ने मुझे सपने दिखाकर छोड़ दिया था। उसने मुझे गारंटी दी थी कि मैं इंग्लिश क्लब को साइन करने जा रहा हूं। थर्ड-डिविजन टीम में गोलकीपिंग करने के दौरान मैंने धैर्य से काम लिया। जुलाई से अगस्त हो गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मैंने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया था।’’

2014 में मेंडी का करार फ्रांस की पांचवें टियर की टीम चेरबर्ग से टूट गया। वे बेरोजगार हो गए। उसी समय उनकी पत्नी बच्चे को जन्म देने वाली थी। वे परेशान थे। मेंडी सोच रहे थे कि किस तरह उनका घर चलेगा और कैसे वो बच्चे को पालेंगे। इसके एक साल बाद 2015 में मेंडी के फ्रांस के क्लब मर्सिले ने उन्हें साइन किया। वे मर्सिले की बी टीम से जुड़े थे। 2016 में वे रीम्स क्लब में शामिल हुए। 2017 में उन्हें रीम्स की बी टीम से भी खेलना पड़ा था। तीन साल वहां बिताने के बाद 2019 में रेनेस ने उन्हें साइन किया। इसके अगले साल ही वे चेल्सी में आ गए और उनका जीवन बदल गया।

मेंडी के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने इस सीजन के 9 मैचों में एक भी गोल नहीं खाया। वे गोलपोस्ट के सामने दीवार बनकर खड़े रहे। 12 मैचों में उनके खिलाफ सिर्फ 3 मुकाबलों में गोल हुए। मेंडी को टीम में लाने का श्रेय चेल्सी फैंस के फेवरेट प्लेयर रहे फ्रैंक लैम्पर्ड को जाता है। उन्होंने अपनी कोचिंग में काई हार्वत्ज, टिमो वर्नर, बेन चिलविल और मेंडी जैसे खिलाड़ियों को टीम में जोड़ा। सितंबर में 205 करोड़ रुपए में खरीदे गए मेंडी ने लैम्पर्ड को निराश नहीं किया। जब चेल्सी ने लैम्पर्ड को बर्खास्त किया तो जर्मनी के थॉमस टूकल को कोच बनाया। टूकल ने भी मेंडी पर विश्वास जताया और बराबर मौके दिए।