दीवाली का दिन भारतीय रेसलिंग के लिए यादगार रहा। युवा पहलवान मानसी अहलावात ने तिराना में जारी वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस दौरान मानसी अहलावत ने वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी को भी मात दी। मानसी कुछ दिन पहले तक खेल मंत्री के घर के बाहर पहुंची थीं और यह मांग की थी कि उन्हें इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने का मौका मिले। जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने देश के लिए मेडल जीता।
मानसी नेब्रॉन्ज मेडल मैच में कनाडा की लॉरेंस ब्यूगार्ड को 5-0 से मात दी। इससे पहले पहले ही राउंड में मानसी ने बड़ा उलटफेर किया था। मानसी का मुकाबला अमेरिका की जैकेरा विनचेस्टर से थे। भारतीय रेसलर ने इस मुकाबले को 2-1 से जीता। विनचेस्टर ने 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था जबकि 2023 में सिल्वर पर कब्जा जमाया था।
WFI ने खिलाड़ियों को हटाया
डब्ल्यूएफआई ने कुछ दिन पहले इसी विश्व चैंपियनशिप से हटने का फैसला किया था। उसने कुश्ती की विश्व संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू को बताया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है। हालांकि इसके बाद खिलाड़ी खेल मंत्री के घर के बाहर पहुंचे और उन्हें चैंपियनशिप में भेजने की अपील की। खेल मंत्रालय ने इसके बाद खिलाड़ियों को भेजने का ऐलान किया।
खेल मंत्री के घर के बाहर किया था विरोध
मानसी के साथ कुछ अन्य खिलाड़ी भी खेल मंत्री के घर के बाहर पहुंचे थे। वहीां महिलाओं के 65 किग्रा में जगह बनाने वाली मनीषा भानवाला ने पीटीआई से कहा,‘‘विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने तक 10-12 साल लग जाते हैं और अब जब यह मौका हमें मिला है तो उसे छीना जा रहा है। आखिर हमारी गलती क्या है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया था उनका करियर समाप्त हो चुका है तो अब वे हमारे करियर के साथ क्यों खेल रहे हैं। जूनियर पहलवानों को उनके समर्थन की जरूरत नहीं है। अगर हमें विश्व चैंपियनशिप के लिए नहीं भेजा गया तो हमें विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’’