दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान एक दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय व्हील चेयर क्रिक्रेट खिलाड़ी का कृत्रिम पैर उतरवाने का मामला सामने आया है। क्रिकेट खिलाड़ी रोहित अनोत्र ने कहा कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान न केवल सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनका कृत्रिम पैर उतरवाया गया बल्कि उन्हें उनकी व्हील चेयर से भी उतारा गया। रोहित ने जानकारी दी कि रविवार को वह अपनी टीम के साथियों के साथ आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 एयरपोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें इंडिगो विमान से उड़ान भरनी थी। वह श्रीनगर में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए लगाए गए शिविर में हिस्सा लेने जा रहे थे। इस दौरान वह जब चेक इन की ओर बढ़े तो उन्हें रोक दिया गया।

ट्वीट कर की शिकायतः इस घटना से आहत रोहित ने ट्वीट कर इस मामले में मंत्रालय और उससे संबंधित अधिकारियों को शिकायत की। रोहित भारत की तरफ से व्हील चेयर क्रिकेट खेलते हैं। पांच साल की उम्र में एक हादसे में वह अपने एक पैर से दिव्यांग हो गए थे। रोहित ने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट पर भारतीय टीम की जर्सी पहने होने और खुद को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बताने के बाद भी उन्हें रोका गया।
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पहले भी सामने आई ऐसी घटनाः वहीं इस मामले में व्हील चेयर क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप राज ने बताया कि इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है। बीते चार मई को कोलकाता एयरपोर्ट पर एक अन्य खिलाड़ी अनमोल वशिष्ठ को भी इसी तरह रोका गया था और जांच के दौरान दो बार व्हील चेयर से उतारा गया था।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रवक्ता दी सफाईःवहीं इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट पर दिव्यांग लोगों की सुरक्षा जांच सम्मान के साथ की जाती है। इस बारे में बकायदा सुरक्षा जांच के जवानों को ट्रेंनिग दी जाती है। उनके लिए अलग कमरा होता है जहां उनकी जांच होती है।

आरोप को बताया गलतः उन्होंने आगे कहा कि जवानों ने रोहित को जांच के समय केवल अपने दाएं पैर की पैंट ऊपर करने के लिए कहा था ताकि उनके कृत्रिम पैर की जांच की जा सके, लेकिन उन्होंने खुद ही अपना कृत्रिम पैर उतार दिया था। उन्होंने क्रिकेट खिलाड़ी द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया। बता दें ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के नियमों के मुताबिक किसी भी दिव्यांग खिलाड़ी के कृत्रिम पैर उतारवाए जाने पर साफ मनाही है।