सबसे युवा विश्व चैम्पियन गुकेश डोम्माराजू का सामना अगले साल नॉर्वे शतरंज में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से होगा। टूर्नामेंट यहां 26 मई से छह जून तक खेला जायेगा। अठारह बरस के गुकेश ने इस साल टाटा स्टील मास्टर्स जीता, शतरंज ओलंपियाड में भारत को स्वर्ण दिलाया, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में चमके और पिछले सप्ताह सिंगापुर में विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीता।

नॉर्वे में खेला जाएगा टूर्नामेंट

गुकेश ने कहा ,‘‘ मैं दुनिया के सबसे मजबूत खिलाड़ियों में से एक के खिलाफ फिर नॉर्वे में भिड़ने को लेकर रोमांचित हूं। आर्मागेडोंस मजेदार होगा।’’ गुकेश पिछले साल यहां तीसरे स्थान पर रहे थे लेकिन इस बार विश्व चैम्पियन के रूप में कार्लसन को उनके घर में चुनौती देंगे।

वर्ल्ड नंबर वन हैं मैग्नस कार्लसन

नॉर्वे शतरंज के संस्थापक और टूर्नामेंट निदेशक जेल मेडलैंड ने कहा ,‘‘ यह मुकाबला शानदार होगा। देखना दिलचस्प होगा कि विश्व चैम्पियन का सामना नंबर एक खिलाड़ी से कैसा रहता है। पूरी दुनिया की इस पर नजरें होंगी।’ नॉर्वे शतरंज में दुनिया के शीर्ष पुरूष और महिला खिलाड़ी छह खिलाड़ियों के दोहरे राउंड रॉबिन प्रारूप में खेलेंगे।

डी गुकेश सोमवार को सिंगापुर से वापस लौटे हैं। उन्होंने भारत आकर मैच के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि शतरंज सिर्फ 64 खानों की बिसात वाले खेल की रणनीति के बारे में नहीं है और विश्व चैम्पियनशिप में उनके ऐतिहासिक प्रदर्शन के दौरान ‘भावनात्मक दबाव’ पर काबू पाने में मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन ने उनकी काफी मदद की।

गुकेश ने अपने बचपन के स्कूल वेलाम्मल विद्यालय द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘विश्व चैंपियनशिप सिर्फ शतरंज के चालों के बारे में नहीं है। इससे निपटने के लिए बहुत सारे मानसिक और भावनात्मक दबाव होते हैं। पैडी ने इस मामले में मेरी काफी मदद की है।’’ गुकेश ने कहा, ‘‘ मैंने उनसे जो बातचीत की और उन्होंने मुझे जो सुझाव दिये वह एक खिलाड़ी के रूप में मेरे विकास के लिए काफी अहम रहे हैं।’’