राष्ट्रमंडल खेलों में ‘स्टॉपवॉच विवाद’ से खफा हॉकी इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ को पत्र लिखकर नियमों में बदलाव करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामला आस्ट्रेलिया के खिलाफ राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल मुकाबले का है। मुकाबला ड्रॉ होने के बाद शूटआउट में तकनीकी अधिकारियों ने भारी भूल की और भारतीय गोलकीपर सविता ने आस्ट्रेलिया का पहला शॉट बचा लिया था, लेकिन घड़ी चालू नहीं होने का हवाला देकर आस्ट्रेलिया को वह शॉट फिर से दिया गया जिस पर गोल हो गया।
एफआईएच ने इस मामले में तुरंत माफी मांगकर समीक्षा का आदेश दिया था। एफआईएच सीईओ थियरी वील को लिखे पत्र में हॉकी इंडिया की मुख्य कार्यकारी एलेना नॉर्मन ने कहा ,‘‘ इससे पहले भी चैम्पियंस ट्रॉफी 2016, जूनियर महिला विश्व कप 2021 , तोक्यो ओलंपिक 2022 और अब राष्ट्रमंडल खेलों में पेनल्टी शूटआउट इसे पहले इस तरह की गलतियों से भारत को खामियाजा भुगतना पड़ा है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हम चाहते हैं कि एफआईएच इसे गंभीरता से लेकर नियमों में बदलाव करे और गलती करने वाले तकनीकी अधिकारियों को दंडित करे ।’’
‘‘गुस्सा करो, कुंठा निकालो तुम्हें पूरा हक है लेकिन आगे बढ़ो और कांस्य पदक जीतो ’, आस्ट्रेलिया के हाथों राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में शूटआउट में मिली विवादित हार के बाद मुख्य कोच यानेके शॉपमैन ने भारतीय महिला हॉकी टीम से कुछ ऐसा ही कहा था। उनके इस संदेश ने मानों जादू का काम किया और सविता पूनिया की अगुवाई में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को शूटआउट में 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने 16 साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता है । शॉपमैन ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ हमने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सब कुछ झोंक दिया लेकिन शूटआउट जिस तरह से शुरू हुआ, वह सही नहीं था । लेकिन हमें उसे स्वीकार करके आगे बढना था ।’’ उन्होंने कहा,‘‘ उसके बाद टीम बैठक में मैने लड़कियों से कहा कि गुस्सा करो, कुंठा निकालो और सारी भड़ास बाहर निकाल दो लेकिन कल नया मैच है और हमें आगे बढना है । हमें पता था कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं और इन लड़कियों ने वही किया ।’’
सेमीफाइनल के स्टॉपवॉच विवाद के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘इसमें अंपायरों की गलती नहीं थी। वे माफी मांग रहे थे । मैं एफआईएच से अनुरोध करूंगी कि सिर्फ नियमों पर नहीं जाये क्योंकि नियमों से ज्यादा मानवीय पक्ष जुड़ा होता है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ शिकायत दर्ज कराने की कोई तुक नहीं थी ।