भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग क्रिकेट से रिटायर होने के बाद कमेंट्री और ट्विटर के जरिए लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। आजकल वह अपनी कमेंट्री से लोगों का मनोरंजन करने का काम कर रहे हैं। लेकिन एक दौर ऐसा था जब सहवाग के सामने कोई भी गेंदबाज गेंदबाजी करने से बचना चाहता था। सहवाग पहली गेंद से ही गेंदबाजों के ऊपर प्रहार करना शुरू कर देते थे। सहवाग की कोशिश होती थी कि वह खेल के पहली ही गेंद पर चौका या छक्का लगाए और वो इस काम के लिए जाने भी जाते रहे हैं। उन्होंने भारत की तरफ से ओपनिंग करते हुए कई बार पहली गेंद पर ही चौका लगाकर टीम और अपना खाता खोला है। वैसे तो सहवाग की बल्लेबाजी से हर टीम के गेंदबाज घबराते थे। लेकिन पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ वीरू अक्सर विस्फोटक अंदाज में ही बल्लेबाजी करना पसंद करते थे।

2005 के दौरान कोलंबो में इंडियन ऑयल कप टूर्नामेंट का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला जा रहा था। इस मैच को जीतने के लिए भारत को 281 रन बनाते थे। इस रन को चेज करने के लिए सहवाग के साथ सौरव गांगुली मैदान पर आए। लेकिन पहले ओवर से ही सहवाग ने गेंदबाजों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। भारत ने पहले ओवर में बिना विकेट खोए 35 रन बना डाले।

इसके बाद छठा ओवर लेकर आए श्रीलंकाई गेंदबाज दिलहारा लोकुहैटिग। सहवाग ने उनकी पहली दो गेंदों पर चौका जड़ उनका स्वागत किया। इसके बाद तीसरी गेंद पर उन्होंने आगे बढ़कर एक जोड़दार छक्का जड़ दिया। ओवर के बचे बाकी तीन गेंदों में भी सहवाग ने चौका लगाया। इस तरह उन्होंने एक ओवर में 26 रन जड़ दिए।