लंबे समय तक बल्लेबाजी को अहम बताते हुए भारत के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार (21 जुलाई) से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला से पहले छोटे प्रारूप से लंबे प्रारूप के लिए बल्लेबाज की मानसिकता बदलने पर फोकस होगा। कुंबले ने कहा,‘हम बल्लेबाज की मानसिकता छोटे प्रारूप से पांच दिनी प्रारूप पर लाने पर फोकस कर रहे हैं। लंबे समय तक बल्लेबाजी करना जरूरी है।’
भारतीय क्रिकेटरों ने आईपीएल खेलने के बाद जिम्बाब्वे का दौरा करके वनडे और टी20 मैच ही खेले। कुंबले ने ट्विटर पर सवाल जवाब सत्र में कहा,‘गेंदबाजी में हमारा फोकस लगातार लय बनाए रखने और ऊबाऊ होने पर है। टेस्ट क्रिकेट में यह जरूरी है। कैचिंग पर भी जोर रहेगा।’
उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज की धीमी विकेटों पर तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को मिलकर उम्दा प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा,‘मेरा मानना है कि बल्लेबाजों की तरह गेंदबाज भी साझेदारी में गेंदबाजी करते हैं। स्पिनरों और तेज गेंदबाजों की समान भूमिका है। अभी तक विकेट धीमे रहे हैं। मैं नहीं जानता कि टेस्ट मैचों में कैसे विकेट होंगे लेकिन भारतीय स्पिनरों की भूमिका अहम होगी।’
टेस्ट क्रिकेट में 619 विकेट ले चुके कुंबले ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट किसी भी क्रिकेटर की असल परीक्षा है। उन्होंने कहा,‘टेस्ट क्रिकेट में तीनों विभागों की परीक्षा होती है लिहाजा फोकस तीनों पर रहता है। इसके अलावा विश्राम या रिकवरी का दौर भी अहम होता है। हमारा फोकस फिटनेस और रिकवरी पर भी है।’
अश्विन को हरफनमौला के रूप में तैयार करने के एक सवाल पर कुंबले ने कहा,‘अश्विन काफी सक्षम बल्लेबाज है और हमारे पास निचले मध्यक्रम में कई और भी ऐसे बल्लेबाज हैं। गेंदबाज की गेंदबाजी पर ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी पर भी फोकस है।’

