बांग्लादेश-श्रीलंका के बीच निदास ट्रॉफी का छठा मुकाबला शुक्रवार (16 मार्च) को कोलंबो के आर प्रेमदासा क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी श्रीलंका ने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 159 रन बनाए। इस मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन अपना आपा खो बैठे।
दरअसल हुआ यूं कि 19.2 ओवर में उडाना की गेंद बांग्लादेशी बल्लेबाज मुस्तफिजुर रहमान के हेलमेट के पास से होते हुए गुजरी। ये गेंद काफी उूंची रही और बल्ले को छुए बगैर विकेटकीपर की ओर गई। सिंगल लेने की फिराक में मुस्तफिजुर ने दौड़ लगाई। इस घटना तो देखते हुए बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन का गुस्सा फूटा और उन्होंने बाउंड्री के करीब पहुंचकर अपनी टीम को वापस आने का इशारा किया। हालांकि काफी समझाने-बुझाने के बाद शाकिब वापस पवेलियन लौटे और खेल को आगे जारी रखा गया। शाकिब का मानना था कि इसे नो-बॉल करार दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दोनों टीमों के बीच हुए बेहद रोमांचक और तनावपूर्ण मुकाबले में तमीम इकबाल (50) के बाद महमुदुल्लाह द्वारा 18 गेंदों में तीन चौके और दो छक्कों की मदद से खेली गई 43 रनों की पारी के दम निदास ट्रॉफी के त्रिकोणीय टी-20 सीरीज के आखिरी नॉकआउट मुकाबले में मेजबान श्रीलंका को दो विकेट से मात देते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया है। फाइनल में बांग्लादेश का सामना इसी आर.प्रेमदासा स्टेडियम में रविवार को भारत से होगा।
बांग्लादेश ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया और पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका को 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 159 पर सीमित कर दिया और फिर आखिरी ओवर के रोमांच को पार करते हुए इस लक्ष्य को एक गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया। आखिरी ओवर में बांग्लादेश को 12 रनों की दरकार थी। इसुरु उदाना ने आखिरी ओवर की पहली गेंद मुस्ताफीजुर रहमान को फेंकी लेकिन इस बाउंसर को रहमान खाली खेल गए। श्रीलंका ने रिव्यू लिया जो जाया चला गया। अगली गेंद भी बाउंसर थी और इस पर रन लेने के प्रयास में रहमान आउट हो गए। चार गेंद में 12 रन चाहिए थे।
इसी बीच बांग्लादेश के खिलाड़ियों का श्रीलंकाई खिलाड़ियों से विवाद हो गया और शाकिब अंपायर से जिरह करने लगे और इसी दौरान उन्होंने अपनी टीम को वापस बुला लिया। हालांकि कोच खालिद मेहमुद ने बल्लेबाजों को वापस भेजा और अगली ही गेंद पर महमुदुल्लाह ने चौका मार दिया। इसके बाद दो रन लिए। बांग्लादेश को जीतने के लिए दो गेंदों में छह रन चाहिए थे। पांचवीं गेंद पर महामुदुल्लहा ने छक्का मार अपनी टीम को जीत दिलाई।
