विशाखापत्तनम टेस्ट मैच के तीसरे दिन मैदान पर हलचल चल रही थी वहीं कमेंट्री बॉक्स में भी कमेंटेटर एक दूसरे के साथ हंसी मजाक कर रहे थे। दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन पहले सेशन में रवि शास्त्री के साथ इयॉन बॉथम कमेंट्री कर रहे थे। इस बीच रविशास्त्री ने भारतीय तेज गेंदबाजों के बारे में उनसे बातचीत शुरू की। शास्त्री ने बॉथम से बातचीत में उमेश यादव और मोहम्मद शमी की जोड़ी को हालिया समय में दुनिया की बेहतरीन फास्ट बॉलिंग पेयर में से एक बताया।

रविशास्त्री दोनों की तेज गेंदबाजी से इतने प्रभावित दिखे कि उन्होंने इन दोनों गेंदबाजों को नया उपनाम भी दे दिया। शास्त्री ने उमेश यादव को ‘विदर्भ एक्सप्रेस’ नाम दिया क्योंकि यादव विदर्भ रणजी टीम के लिए खेलते हैं। वहीं, बंगाल रणजी टीम के लिए खेलने वाले मोहम्मद शमी को रवि शास्त्री ने ‘सुल्तान आफॅ बंगाल’ नाम दिया। शास्त्री की इस बात पर इयॉन बॉथम ने उन्हें बीच में रोकते हुए ‘प्रिंस आॅफ बंगाल’ के बारे में पूछ लिया। दरअसल बॉथम ने रवि शास्त्री द्वारा मोहम्मद शमी को दिय गए नाम ‘सुल्तान आॅफ बंगाल’ से अपनी असहमति जताई क्योंकि उनके मुताबिक ‘प्रिंस आॅफ बंगाल’ पहले से ही मौजूद है।

इयॉन बॉथम का इशारा भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की ओर था, जिन्हें ‘प्रिंस आॅफ बंगाल’ और ‘बंगाल टाइगर’ जैसे उपनामों से जाना जाता है। रवि शस्त्री को इयॉन बॉथम की बात शायद नहीं जंची और उन्होंने इस पर मजा लेते हुए कमेंट किया कि बंगाल के बारे में जानने के लिए और भी बहुत कुछ है। यह सिर्फ एक प्रिंस तक ही सीमित नहीं है। गौरतलब है कि रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के संबंध बहुत मधुर नहीं हैं। भारतीय टीम के मुख्य कोच के चयन के समय इन दोनों के बीच की रार खुलेआम सबके सामने आ गई थी।

बाद में रविशास्त्री ने गांगुली पर आरोप लगाया था कि हेड कोच पद के लिए हुए इंटरव्यू के समय सौरव गांगुली जानबूझकर मौजूद नहीं थे। सौरव गांगुली उस तीन सदस्यीय पैनल के सदस्य थे जिसको हेड कोच पद के लिए अनिल कुंबले और रवि शास्त्री का इंटरव्यू और प्रजेंटेशन लेना था। इस पैनल में सचिन और वीवीएस लक्ष्मण अन्य दो सदस्य थे। रवि शास्त्री ने इशारों में ही इस बात की ओर इशारा किया था कि गांगुली नहीं चाहते थे कि वो भारतीय टीम के हेड कोच बने।