भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन संभवत: भारतीय क्रिकेट टीम के संदर्भ में खुलासा किया कि आखिर कैसे वह 20 साल तक उस कोच से जुड़े रहे जिससे वह नफरत करते थे। कप्तान विराट कोहली से मतभेद के कारण अनिल कुंबले के इस्तीफा देने के घंटों बाद बिंद्रा ने जर्मनी के उवे रीस्टरर के साथ अपने समीकरण को लेकर ट्वीट किया जो लंबे समय तक उनके कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहे।
अब संन्यास ले चुके बिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘मेरे सबसे बड़े शिक्षक कोच रीस्टरर थे। मैं उनसे नफरत करता था। लेकिन 20 साल तक उनके साथ रहा। वह हमेशा मुझे वह बातें बोलते थे जो मैं सुनना नहीं चाहता था। #जस्टसेयिंग’’ रीस्टरर 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान भी बिंद्रा के सहयोगी स्टाफ का हिस्सा थे। वह पिछले साल रियो ओलंपिक में भी बिंद्रा के साथ जुड़े थे जहां यह दिग्गज भारतीय निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहा था और फिर संन्यास ले लिया था।
कुंबले ने मंगलवार रात को टीम के मुख्य कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें एक दिन पहले बीसीसीआई से पता चला की कोहली को उनके काम करने के तरीके से दिक्कत है, इसलिए वह उन्हें कोच के तौर पर टीम में नहीं देखना चाहते।
बयान में कुंबले ने कहा, “क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने मुझ पर भरोसा जताते हुए कोच पद पर बने रहने को कहा, इस सम्मान से मैं खुश हूं। पिछले एक साल में जो सफलता हमने हासिल की उसका श्रेय कप्तान, पूरी टीम, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ को जाता है।”
कुंबले ने लिखा है, “एक दिन पहले बीसीसीआई से मुझे पता चला कि कप्तान को मेरी ‘स्टाइल’ से परेशानी है और वह मुझे कोच के तौर पर बरकरार रखना नहीं चाहते।”

