क्रिकेट के नंबर 11 पर टीम का सबसे कमजोर बल्‍लेबाज बैटिंग करने को आता है। लेकिन न्‍यूजीलैंड में एक मैच के दौरान सबसे आखिर में बल्‍लेबाजी को उतरे खिलाड़ी ने शतक ठोक दिया। इस पारी के बूते उन्‍होंने 189 रन पर नौ विकेट गंवा चुकी अपनी टीम को 400 के पार पहुंचा दिया। यह वाकया न्‍यूजीलैंड में नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्‍ट्स और बे ऑफ प्‍लेंटी टीमों के बीच मुकाबले के दौरान हुआ। नॉर्दर्न टीम की ओर से खेलते हुए फ्रेडी वॉकर ने 23 चौकों और एक छक्‍के की मदद से नाबाद 150 रन की पारी खेली।

उन्‍होंने अनीश देसाई के साथ मिलकर आखिरी विकेट के लिए 220 विकेट जोड़े। इस साझेदारी के बूते उनकी टीम ने नौ विकेट पर 409 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। देसाई 165 रन बनाकर नाबाद रहे। रोचक बात है कि इस पारी से पहले वॉकर ने कुल मिलाकर ही 54 रन बनाए थे।

11वें नंबर के बल्‍लेबाज का शतक बनाना वाकई में दुर्लभ बात है। टेस्‍ट क्रिकेट में 11वें नंबर के बल्‍लेबाज का सर्वोच्‍च स्‍कोर 98 रन है जो कि ऑस्‍ट्रेलिया के एश्‍टन अगर ने 2013 में इंग्‍लैंड के खिलाफ बनाया था। वहीं फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 11वें नंबर पर सबसे बड़े निजी स्‍कोर का रिकॉर्ड 1947 में बना था। डर्बीशायर के खिलाफ एसेक्‍स के पीटर स्मिथ ने 163 रन की पारी खेली थी। वहीं आखिरी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड 1928/29 में एलन किपैक्‍स और हाल हुकर ने बनाया था। इन दोनों बल्‍लेबाजों ने 10वें विकेट के लिए 307 रन जोड़े थे।

आपको बता दें कि अकसर नंबर 11 के बल्‍लेबाजों के नाम सबसे ज्‍यादा बार जीरो पर आउट होने का रिकॉर्ड होता है। न्‍यूजीलैंड के क्रिस मार्टिन 71 टेस्‍ट में 35 बार शून्‍य पर आउट हुए। वहीं वेस्‍ट इंडीज के दिग्‍गज गेंदबाज कर्टनी वॉल्‍श 132 टेस्‍ट में 43 बार अपना खाता भी नहीं खोल सके थे।