भारतीय टीम के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी शुक्रवार को वीरेंद्र सहवाग के स्‍कूल गए। सहवाग इंटरनेशनल स्‍कूल में धोनी और सहवाग दोनों ने बच्‍चों से बात की। झज्‍जर स्थित स्‍कूल में धोनी ने बच्‍चों से सीधे बात की और अपने स्‍कूली दिनों, क्रिकेट कॅरियर के बारे में विस्‍तार से बातें की। धोनी से जब एक छात्र ने पूछा कि आपको सबसे पसंदीदा क्रिकेट मोमेंट कौनसा है। इस पर उन्‍होंने जवाब दिया कि एक पिता के लिए अपने बच्‍चों में से किसी एक को पसंदीदा बताना मुश्किल होता है। हालांकि 50 ओवर का वर्ल्‍ड कप जीतना सबसे यादगार लम्‍हा है। इस टूर्नामेंट के दौरान सब लोग कहते थे कि जीतना है। मोहाली में पाकिस्‍तान के खिलाफ मैच से पहले सीआईएसएफ के जवान ने कहा कि यह मैच आपको जीतना है, चाहे आप फाइनल में हार जाएं। इसके बाद जब फाइनल में पहुंचे तो उसी जवान ने कहा कि फाइनल मत हारना।

धोनी ने स्‍कूल के छात्रों से कहा कि पढ़ाई के साथ ही खेल में भी सक्रिय रहें। इससे जीवन में एक नया तरीका सीखने को मिलता है। भारत के सबसे सफल कप्‍तान ने साथ ही कहा कि सफलता से ज्‍यादा प्रकिया अहम होती है। क्‍योंकि इस दौरान जो सीखने को मिलता है वहीं आगे जाकर काम आता है। एक बच्‍चे ने धोनी से पूछा कि स्‍कूल के दिनों का उनका सबसे यादगार पल कौनसा था। धोनी ने जवाब में बताया कि स्‍कूल से बंक करना काफी यादगार था। साथ ही मार्चपास्‍ट के लिए हिस्‍सा लेना भी यादगार रहा। धोनी ने बच्‍चों से कहा कि स्‍कूल का समय सबसे मजेदार होता है। इसमें कोर्इ टेंशन नहीं होता है। हालांकि अब समय बदल गया है और माता-पिता जन्‍म से ही बच्‍चों के कॅरियर को लेकर ध्‍यान देने लगे हैं फिर भी स्‍कूल का समय हमेशा यादगार रहता है।

इस दौरान सहवाग शांत ही रहे और उन्‍होंने स्‍कूल के बच्‍चों को धोनी से घुलने-मिलने का पूरा मौका दिया। उन्‍होंने धोनी का शक्रिया अदा करते हुए कहा, ”मैं तहेदिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूं।” धोनी ने भी इस पर कहा कि सहवाग ने स्‍कूल खोलकर जो कदम उठाया है शानदार है। वे भविष्‍य तैयार कर रहे हैं। बाद में धोनी ने बच्‍चों के साथ तस्‍वीर भी खिंचाई। वहीं सहवाग और धोनी ने भी क्‍लासरूम के अंदर पिक्‍चर क्लिक की। इसमें दोनों ब्‍लैक बोर्ड के आगे टेबल पर बैठें हैं।