महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सफलतम कप्तान हैं। टेस्ट, वनडे और टी20, क्रिकेट की तीनों फॉर्मेट में धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने नई बुलंदियों को छुआ है। मैदान पर बेहद ‘कूल’ नजर आने धोनी पैसों के मामले में बेहद सख्त हैं, यह दावा है वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का। अपनी किताब Democracy’s XI में राजदीप ने स्पोर्ट्स मार्केटिंग कंसल्टेंट जीत बनर्जी के हवाले से लिखा है, ”उनके (धोनी) मृदुभाषी व्यवहार पर मत जाइए। तब वित्तीय सौदों की बात आती हैं, तो धोनी बेहरम हो सकते हैं। उन्होंने मेरे और मेरे परिवार के पीछे रांची पुलिस को लगा दिया था।” राजदीप ने किताब में यह भी कहा है कि आईपीएल के दौरान बीसीसीआई की ओर से चेन्नई के खिलाड़ियों को विशेष छूट दी गई। ललित मोदी का दावा है कि तत्कालीन बोर्ड प्रमुख एन श्रीनिवासन ने धोनी का खूब साथ दिया। 2010 के आईपीएल में धोनी को चेन्नई क आइकन प्लेयर बनाए रखा गया। मोदी के अनुसार, ”ऐसा करना अवैध था क्योंकि आइकन प्लेयर का दर्जा सिर्फ शुरुआती तीन सत्र के लिए था फिर भी श्रीनिवासन को ऐसा करने दिया गया।”
किताब में राजदीप का दावा है कि वेटरन क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ जब राष्ट्रीय चयनकर्ता थे तो 2012 में वह धोनी को कप्तानी से हटाना चाहते थे मगर श्रीनिवासन ने उन्हें बचाया। अमरनाथ ने कहा, ‘हमें बताया गया था कि चयनकर्ता नहीं, बोर्ड अध्यक्ष यह तय करेंगे कि भारत का कप्तान कौन होगा।’ पूर्व बीसीसीआई प्रमुख का तर्क है कि ‘हां, ये सच है कि मैंने धोनी को कप्तानी से हटाने के फैसले पर वीटो किया था। वर्ल्ड कप जीतने के साल भर के भीतर आप किसी को कैसे कप्तानी से हटा सकते हैं?”
किताब में लिखा गया है कि धोनी-श्रीनिवासन की ‘दोस्ती’ सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रही। 2013 में सामने आया कि ऋति स्पोर्ट्स, जिसमें धोनी का बड़ा हिस्सा था, चेन्नई सुपर किंग्स और भारतीय खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट्स का जिम्मा संभाल रही थी। यह हितों के टकराव का सीधा मामला था। एक कप्तान जिसका टीम चयन पर प्रभाव हो और वह उस मैनेजजमेंट एजेंसी का मालिक भी हो जो खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करती है। यह दिखाता है कि खिलाड़ी कैसे नियमों का तोड़-मरोड़ कर फायदा उठाते हैं।
2014 आते-आते धोनी का कारोबार इतना बढ़ चुका था कि वह पांचवें सबसे कीमती स्पोर्ट्स ब्रांड बन चुके थे। उनकी वार्षिक कमाई 30 मिलियन डॉलर को पार कर गई थी और एंडोर्समेंट 26 मिलियन डॉलर से ज्यादा थी।

