अपनी सिफारिशों की बीसीसीआई द्वारा अनदेखी पर कड़ा रुख अपनाते हुए लोढ़ा समिति ने सोमवार (26 सितंबर) को कहा कि वे उच्चतम न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दायर करेंगे जिसमें बोर्ड में सुधारवादी कदमों को लेकर उनके प्रस्ताव को लागू करने को लेकर ‘अवरोध’ का जिक्र किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने सोमवार को आंतरिक बैठक करके यहां उल्लंघनों पर चर्चा की, विशेषकर 21 सितंबर को वार्षिक आम बैठक में बीसीसीआई द्वारा सचिव का चयन और पांच सदस्यीय चयन समिति की नियुक्ति को लेकर। न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘बैठक 21 सितंबर को बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक में हुए फैसलों और प्रगति को लेकर हुई। उन्होंने उच्चतम न्यायालय को रिपोर्ट भेजने का फैसला किया है। अगर सिफारिशों को लागू करने को लेकर कोई अवरोध है तो समिति स्थिति रिपोर्ट सौंपेगी। हम स्थिति रिपोर्ट सौंप रहे हैं क्योंकि समिति को लगता है कि गतिरोध है।’
लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में कई आमूलचूल बदलावों की सिफारिश की थी जिसमें पदाधिकारियों का कार्यकाल सीमित करना, प्रशासकों के लिए कार्यकाल के बीच ब्रेक लाना, पांच सदस्यीय मौजूदा चयन समिति को तीन तक सीमित करना और एक राज्य एक वोट नीति लागू करना आदि शामिल हैं। उच्चतम न्यायालय ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण के बाद लोढ़ा समिति का गठन किया था।