कुलदीप यादव ने 25 मार्च को 2017 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में टेस्ट मैच के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की। पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन ने उन्हें टेस्ट कैप सौंपी। डेब्यू टेस्ट की पहली ही पारी में कुलदीप ने चार बड़े विकेट लिए और कॅरियर की शानदार शुरुआत की। 22 साल का यह खिलाड़ी चाइनामैन खिलाड़ी है। चाइनामैन स्पिनर की गेंद सामान्य लेफ्ट आर्म स्पिनर की गेंद से विपरीत दिशा में जाती है। आसान शब्दों में कहा जाए तो चाइनामैन गेंदबाज की गेंद दाएं हाथ के बल्लेबाजों के अंदर आती है जबकि बाएं हाथ के बल्लेबाज के बाहर की ओर घूमती है। टीवी स्क्रीन पर देखने पर गेंद बाएं से दांयी ओर जाती है। इस तरह के गेंदबाजों की गेंद कलाई से घूमती है। चाइनामैन स्पिनर की गुगली दाएं हाथ के बल्लेबाज के बाहर की तरफ निकलेगी जबकि बाएं हाथ वालों के लिए गेंद अंदर आएगी। इस तरह के गेंदबाजों का वेरिएशन उन्हें काफी घातक बनाता है।
अब सवाल उठता है कि चाइनामैन शब्द की उत्पति कैसे हुई। इसकी भी एक कहानी है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच धर्मशाला टेस्ट के दौरान कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने इस बात की जानकारी दी। उनके अनुसार, ”बाएं हाथ का चीनी स्पिनर थे और उनका नाम एलिस एचॉन्ग था। सबसे पहले उन्हीं ने इस तरह से गेंदबाजी की। एक लेफ्ट हैंडर की गेंद लेग स्पिन हुई इसलिए उसे चाइनामैन कहा गया। इसलिए चीन को क्रिकेट खेलना शुरू करना चाहिए।”
वहीं ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार 19वी सदी के अंत में दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर चार्ली लेवेलिन ने इस तरह की गेंद का ईजाद किया। हालांकि एचॉन्ग के कारण ही यह टर्म ज्यादा लोकप्रिय हुई। उनकी गेंद पर इंग्लैंड के वाल्टर रोबिंस स्टंप हो गए थे। बताया जाता है कि रोबिंस जब पवैलियन लौट रहे थे तो उन्होंने गुस्से में चाइनामैन बोला था।
वेस्ट इंडीज के एलिस एचॉन्ग, सर गारफील्ड सोबर्स व डेव मोहम्मद, दक्षिण अफ्रीका के पॉल एडम्स व तबरेज शम्सी, ऑस्ट्रेलिया के ब्रेड हॉग व माइकल बेवन, इंग्लैंड के जॉनी वार्डले और श्रीलंका के लक्षण संदकन चाइनामैन बॉलर हैं। पिछले आईपीएल सीजन में शिविल कौशिक नाम के अन्य चाइनामैन बॉलर को भी लोगों ने देखा था। वह गुजरात लॉयंस के सदस्य हैं। कुलदीप पहले भारतीय पुरुष चाइनामैन बॉलर हैं। हालांकि महिला क्रिकेट टीम की ओर से पहले ही चाइनामैन बॉलर खेल चुकी हैं।