हर स्पोर्ट्स की तरह क्रिकेट की भी अपनी अलग शब्दावली है। एदि आपको क्रिकेट का खेल पसंद है और आप इसका पूरी तरह लुत्फ उठाना चाहते हैं तो आपको इस खेल की शबदावली से भी भलीभांति परिचित होना जरूरी है। यदि आप इसकी शब्दावली से परिचित नहीं हैं तो आप क्रिकेट देख तो सकते हैं इसका पूरी तरह आनंद नहीं उठा सकते हैं। क्रिकेट में जब कोई बल्लेबाज शून्य पर आउट होता है तो उसके लिए अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘डक’ का इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी में ‘डक’ का मतलब ‘बत्तख’ पक्षी होता है। दरअसल, क्रिकेट के ‘डक’ का सीधा संबंध ‘बत्तख के अंडे’ से है। अब आप सोच रहे होंगे कि बत्तख और क्रिकेट में क्या संबंध? इसके पीछे एक कहानी है और हम आपको उसके बारे में बताने जा रहे हैं….
क्रिकेट में ‘डक’ शब्द की उत्पत्ति 1866 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए दुनिया के पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच के दौरान हुई थी। दरअसल, इस मैच से पहले 17 जुलाई 1866 को खेले गए एक अनाधिकारिक क्रिकेट मैच में वेल्स के प्रिंस (एडवर्ड VII) बिना खाता खोले पहली ही गेंद पर आउट हो गए। इस खबर को एक स्थानीय अखबार ने प्रकाशित किया। उस अखबार ने खबर का शीर्षक दिया था, ‘राजकुमार बत्तख के अंडे के साथ शाही पवेलियन की ओर रवाना हुए।’ बत्तख का अंडा और शून्य का आकार एक जैसा ही होता है और यह माना जाता है कि उस घटना के बाद से ही क्रिकेट में शून्य पर आउट होने के लिए ‘डक’ को उपमा के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा। उसके बाद ने इस शब्द को क्रिकेट की खबरों में लगातार इस्तेमाल करना जारी रखा और धीरे धीरे इस शब्द को अंग्रेजी डिक्शनरी में स्थान मिल गया।
क्रिकेट में जब कोई बल्लेबाज पहली ही गेंद का सामना करते हुए शून्य पर आउट हो जाता है तो उसे ‘गोल्डन डक’ कहते हैं। वहीं, बल्लेबाज यदि दूसरी गेंद या तीसरी गेंद का सामना करते हुए अपना खाता खोले बिना आउट हो जाता है तो उसे क्रिकेट की भाषा में ‘सिल्वर डक’ और ‘ब्रॉन्ज डक’ कहते हैं। यदि कोई बल्लेबाज बिना किसी गेंद का सामना किए हुए नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े खड़े शून्य पर रन आउट हो जाता है तो इसे ‘डायमंड डक’ कहते हैं। हालांकि, क्रिकेट की इस शब्दावली का प्रयोग अलग-अलग महाद्वीपों में अलग-अलग तरीके से किया जात है। कई देशों में ‘गोल्डन डक’ को रॉयल डक भी कहते हैं।