जिंदगी में कई मोड़ पर आप कुछ फैसले खुद लेते हैं तो कुछ फैसले आपके परिजन। नियति और फैसले के तालमेल से कभी-कभी भाग्य ऐसा होता है कि आदमी को अर्श पर ले जाता है। आईपीएल में वीरवार को मुंबई के खिलाफ शानदार अर्धशतकीय पारी खेलने वाले मनीष पांडे की कहानी भी कुछ इसी तरह से दिलचस्प है और उनके पिता के एक फैसले पर टिकी है।कृष्णानंद पांडे और तारा पांडे के घर में 10 सितम्बर 1989 को मनीष पांडे का जन्म हुआ।

मनीष पांडे का जन्म नैनीताल में हुआ। हालांकि उनका परिवार मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला है। पिता कृष्णानंद पांडे भारतीय सेना में कार्यरत थे। घर में आर्मी वाला माहौल था। मनीष पांडे भी आर्मी में ही जाना चाहते थे लेकिन उनके पिता को कुछ और पसंद था और जो नियति को भी मंजूर था।रिटायर्ड कर्नल के बेटे मनीष पांडे ने भी आर्मी में जाने का ख्वाब देखना शुरू कर दिया था। लेकिन उनके पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने का सोच लिया था। उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया जो आगे चलकर मनीष पांडे का भी सपना बना और उन्होंने अपने और अपने पिता के सपने को भी साकार किया।

40 गेंद में ही जड़ दिया था बचपन में शतक: मनीष पांडे ने नासिक में क्रिकेट खेली फिर लीग क्रिकेट राजस्थान में खेली और फिर वह कर्नाटक चले गए। 9 साल की उम्र में उन्होंने सैयद किरमानी की अकेडमी में जाना शुरू किया जहां मैसूर के खिलाफ एक मैच में पांडे ने 40 गेदों में ही शतक जड़ दिया था।

2008 में विश्वकप टीम का हिस्सा: मनीष पांडे 2008 में ही अंजर-19 विश्वकप का हिस्सा बने। वह जब टीम में शामिल किए गए तो उनके साथ टीम में विराट कोहली, रविंद्र जडेजा और सौरभ तिवारी जैसे खिलाड़ी टीम में मौजूद रहे।
आईपीएल में पहला शतक जड़ने वाला भारतीय खिलाड़ी: 2009 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए आईपीएल के दौरान डेक्कन चारजर्स के खिलाफ इस खिलाड़ी ने पहला शतक जड़ा था। मनीष तिवारी ने 73 गेंदों में 114 रन की पारी खेली थी।