IPL 2018 का जादू हिंदी क्षेत्र में इस बार कुछ कम ही चला है। इसी का असर है कि हिंद भाषी बाजार में 20 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2017 की तुलना में आईपीएल का 11वां संस्करण टीवी पर दर्शकों को ज्यादा आकर्षित करने में नाकामयाब रहा है। ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के ताजा आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। बता दें कि इस बार आईपीएल मैचों के प्रसारण का अधिकार स्टार इंडिया नेटवर्क के पास है। पिछली बार सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने आईपीएल का प्रसारण किया था।
‘इकोनोमिक टाइम्स’ ने बार्क इंडिया की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है। इसके अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्टार नेटवर्क की पहुंच कुल 30 करोड़ से ज्यादा दर्शकों तक है। स्टार इंडिया के कुल 10 चैनल्स हैं। वर्ष 2017 में सोनी नेटवर्क ने पांच चैनलों के माध्यम से आईपीएल मैचों का प्रसारण किया था। इन चैनलों की पहुंच 31.6 करोड़ लोगों तक थी। इस तरह पूरे भारत में इस बार तकरीबन 4 फीसद कम दर्शकों ने आईपीएल का लाइव प्रसारण देखा। हिंदी भाषी क्षेत्र में पिछली बार तकरीबन 22 करोड़ दर्शकों ने आईपीएल का लाइव प्रसारण देखा था। लेकिन, इस बार यह आंकड़ा 17.6 करोड़ ही है। इसका मतलब यह हुआ कि हिंदी भाषी क्षेत्रों में दर्शकों की तादाद में इस बार तकरीबन 20 फीसद की कमी आई है। ये आंकड़े 17 लाइव मैचों से जुड़े हैं।
दक्षिण भारत में मिले ज्यादा दर्शक: कावेरी जल बंटवारा विवाद को लेकर इस बार चेन्नई में आईपीएल के मैचों का आयोजन नहीं हो पा रहा है। इसके बावजूद दक्षिण भारत में आईपीएल का क्रेज कम नहीं हुआ है। बार्क इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में आईपीएल के दर्शकों में वृदि्ध हुई है। दो साल के प्रतिबंध के बाद चेन्नई सुपर किंग्स की वापसी को इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है। दक्षिण भारत में पिछले बार की तुलना में दर्शकों की तादाद में 31 फीसद की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले बार तकरीबन 10 करोड़ लोगों ने आईपीएल के लाइव मैचों का टीवी पर लुत्फ उठाया था। इस बार यह आंकड़ा 12.6 करोड़ तक पहुंच गया। वहीं, उत्तरी और पश्चिमी भारत में क्रमश: 30 और 20 प्रतिशत की गिरावट हुई है।