भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वेस्टइंडीज के कप्तान कार्लोस ब्रैथवेट के बीच दूसरे ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क के मैदान की स्थिति को देखने के बाद अलग अलग राय थी जो आउटफील्ड गीली होने के कारण रद्द हो गया था। वेस्टइंडीज को 143 रन पर समेटने के बाद भारतीय टीम ने दो ओवर में बिना विकेट गंवाए 15 रन बना लिए थे, लेकिन तभी 15 मिनट आयी तेज बारिश से मैदान के कुछ हिस्से में काफी कीचड़ हो गयी जिसमें मैदान के पवेलियन छोर की ओर का गेंदबाजों का रन-अप भी शामिल था, जिसके कारण अधिकारियों को मैच रद्द करना पड़ा।

ब्रैथवेट ने कहा, ‘इसमें दो-तीन चीजें चिंता का विषय थी। पवेलियन की ओर देखते हुए, उस छोर का रन-अप और प्रायोजकों (मैदान पर पेंट किए गए विज्ञापन) के समीप शायद मिड ऑन और फिर पश्चिमी छोर की ओर एक छोटा पैच (कीचड़ का) था।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए मेरी राय में इस पर खेलना असुरक्षित था और अगर रन-अप अच्छा भी था तो अगर एक खिलाड़ी उस आउटफील्ड पर गेंद हिट करता और कोई उसके पीछे दौड़ता और वह गिर जाता तो यह उस खिलाड़ी के कैरियर का अंत हो सकता था।’

ब्रैथवेट ने कहा, ‘इसलिए हम ऐसे मैदान पर नहीं खेलना चाहेंगे, हम हर किसी के कैरियर के लिए जहां तक संभव हो, सुविधायें और परिस्थितियां सुरक्षित चाहते थे।’ हालांकि धोनी ने कहा कि वह अपने कैरियर के दौरान इससे भी खराब हालात में खेले हैं और उन्होंने इंग्लैंड के 2011 के दौरे का उदाहरण दिया। धोनी ने कहा, ‘अंपायर ने हमसे कहा, कि यहां उपयुक्त उपकरण मौजूद नहीं है और मैदान के हालात काफी खराब थे इसलिये हालात में कोई सुधार नहीं हो पाएगा तो हम मैच नहीं खेल सकते थे।’ उन्होंने कहा, ‘मैच अधिकारियों को इस पर फैसला करना था। जहां तक मेरा संबंध है, मैं करीब 10 साल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुका हूं और सच कहूं तो मैं काफी खराब हालात में भी खेला हूं।’

धोनी ने कहा, ‘अगर मैं याद करूं तो हमने 2011 में इंग्लैंड में पूरी वनडे सीरीज लगभग बारिश में ही खेली थी। लेकिन हालात के बारे में फैसला अंतत: अंपायरों को ही करना होता है औैर वे फैसला करते हैं और आप खेलते हो, हम खेलते हैं। अगर वे कहते हैं कि यह मैदान खेलने के लिये सही नहीं है तो यह खेलने के लिए सही नहीं होता।’ उन्होंने कहा, ‘मैं और ब्रावो जहां खड़े थे, उस छोर पर पैच था लेकिन यह गेंदबाजों के रन-अप से काफी दूर था। उनकी टीम में कोई शोएब अख्तर तो नहीं था इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह बड़ी चिंता की बात थी।’