संदीप पाटिल की अगुवाई वाली चयनसमिति सोमवार (12 सितंबर) को यहां जब न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली घरेलू टेस्ट श्रृंखला के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन करने के लिए बैठक करेगी तो पूरी संभावना है कि रोहित शर्मा का टेस्ट मैचों में लचर प्रदर्शन चर्चा का मुख्य विषय रहेगा। टेस्ट मैचों में रोहित के खराब प्रदर्शन के बावजूद कप्तान विराट कोहली का उन पर भरोसा है जिनका मानना है कि वनडे विशेषज्ञ को टेस्ट प्रारूप में अधिक मौके दिए जाने चाहिए। एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड रखने वाला मुंबई का यह बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में कभी अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया जबकि उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013 में भारत में लगातार दो शतक जड़कर अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की थी। उनके पास कई तरह के स्ट्रोक हैं लेकिन वह निंरतर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और इसलिए अंतिम एकादश से अंदर बाहर होते रहे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल की श्रृंखला में उन्हें चार में से दो मैचों में खेलने का मौका मिला जिनमें से एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया जबकि ग्रोस आइलेट में तीसरे टेस्ट मैच में उन्होंने नौ और 41 रन बनाए। अब देखना यह है कि चयनकर्ता इस 29 वर्षीय बल्लेबाज पर आगे कितने समय तक भरोसा रखते हैं। रोहित ने ग्रेटर नोएडा में दलीप ट्रॉफी फाइनल में पहली पारी में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने शनिवार (10 सितंबर) को 30 रन बनाकर अपना विकेट इनाम में दिया। कई युवा खिलाड़ी जैसे कि श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे और करुण नायर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और ऐसे में चयनकर्ताओं का काम आसान नहीं होगा।
शीर्ष क्रम के एक अन्य बल्लेबाज जिस पर हमेशा तलवार लटकी रहती है वह चेतेश्वर पुजारा है। उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया था। पुजारा ने दो पारियों में 62 रन बनाये थे लेकिन इसके बाद दलीप ट्रॉफी में उन्होंने लगातार दो मैचों में शतक जड़कर अपनी फॉर्म साबित की है और उन्हें टीम में शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। रविंद्र जडेजा एक और खिलाड़ी हैं जिन्हें वेस्टइंडीज में एक मैच खेलने के बाद दलीप ट्रॉफी में भी खेलने के लिए कहा गया। जडेजा ने ग्रास आइलेट टेस्ट मैच में 22 रन बनाने के अलावा तीन विकेट भी लिए। उन्हें चौथे और अंतिम टेस्ट के लिए नहीं चुना गया जो बारिश की भेंट चढ़ गया था।
जडेजा को चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव और लेग स्पिनर अमित मिश्रा से चुनौती मिल रही है। कुलदीप ने इंडिया रेड की तरफ से दलीप ट्रॉफी में 13 विकेट लिए थे। मिश्रा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चार में से दो टेस्ट मैच खेले और वह रविचंद्रन अश्विन का साथ देने के लिए स्पिन विभाग में जगह बनाने के प्रबल दावेदार हैं। अश्विन के अलावा वेस्टइंडीज के खिलाफ दस से अधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी फिर से सबसे अनुभवी इशांत शर्मा के साथ मिलकर तेज गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे। वेस्टइंडीज दौरे में इन दोनों के अलावा भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर भी गए थे लेकिन श्रृंखला भारत में खेली जाएगी और इसलिए इनको टीम में रखे जाने की संभावना कम है।
भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फरवरी-मार्च 2017 तक इस सत्र में 13 टेस्ट मैच खेलने हैं और ऐसे में चयनकर्ता तेज गेंदबाजों को रोटेट करने की रणनीति अपना सकते हैं। अभी भारत ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गये वरूण आरोन जैसे तेज गेंदबाजों को भी सत्र के दौरान किसी समय टीम में रखा जा सकता है। वैसे वेस्टइंडीज दौरे पर 2-0 से जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम में हालांकि किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है। विकेटकीपर रिद्विमान साहा सहित वेस्टइंडीज दौरे पर गये अन्य खिलाड़ियों के टीम में बने रहने की पूरी उम्मीद है। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला 22 सितंबर को कानपुर में शुरू होगी।
