पिछले दो विदेशी दौरों पर टेस्ट में खराब खेल के कारण आलोचना का शिकार होने वाली भारतीय टीम का इस साल का आखिरी टेस्ट सीरीज गुरुवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रहा है। दोनों टीमें चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच एडिलेड के ओवल स्टेडियम में खेलेंगी। इस सीरीज से पहले दोनों ही टीमों के बीच हुए टी-20 सीरीज बराबरी पर आकर समाप्त हुआ था। भारतीय टीम काफी मजबूती के साथ इस सीरीज में उतर रही है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया इस समय ऐसे दौर से गुजर रही जहां वो अपनी ख्याति के अनुरूप दिखाई नहीं दे रही है।
इसी साल मार्च में दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में खेले गए टेस्ट मैच में बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरून बैनक्रॉफ्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। स्मिथ और वार्नर टीम के बेहद अहम सदस्य थे और इन दोनों के कारण ऑस्ट्रेलिया को जो नुकसान उठाना पड़ा है वो हालिया दौर में उसको मिली लगातार हारों से पता चला है। ऐसे में भारत के सामने जो ऑस्ट्रेलियाई टीम खड़ी हैं वो काफी कमजोर सी दिखाई पड़ रही है।
संभावित प्लेइंग इलेवन–
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रहाणे (उपकप्तान), के.एल. राहुल, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह।
ऑस्ट्रेलिया: मार्कस हैरिस, एरॉन फिंच, उस्मान ख्वाजा, शॉन मार्श, पीटर हैंड्सकॉम्ब, ट्रेविस हेड, टिम पेन (कप्तान), पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लॉयन, जोश हेजलवुड।

Highlights
टिम पेन के सामने समस्या यह है कि टीम में उस्मान ख्वाजा के रूप में एक और सलामी बल्लेबाज है। ऐसे में वह किस जोड़ी को पारी की शुरुआत करने के लिए भेजते हैं यह देखना होगा। मिशेल मार्श को टीम में नहीं चुना गया है जबकि उनके भाई शॉन मार्श टीम की बल्लेबाजी को मजबूत करेंगे। पीटर हैंड्सकॉम्ब को भी पेन ने मौका दिया है।
स्टार्क के अलावा नई गेंद से पैट कमिंस पर भी बड़ी जिम्मेदारी होगी। वहीं, स्पिन में ऑस्ट्रेलिया के पास नाथन लॉयन के रूप में अच्छा गेंदबाज है। लॉयन इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। भारत को निश्चित तौर पर उनके खिलाफ सावधानी से खेलना होगा।
ऑस्ट्रेलिया की बात की जाए तो उसका हालिया प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका ने उसे मात दी है। बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद वह पहली बार अपने घर में टेस्ट सीरीज खेल रही है। देखना होगा कि घर में वह नए अध्याय की शुरुआत कर पाती है या नहीं।
भारत ने एडिलेड में अभी तक एकमात्र जीत दर्ज की है, जो उसे 2003 में मिली थी। इसके बाद भारत कभी भी यहां टेस्ट मैच नहीं जीत सका है। ऐसे में कोहली एंड कंपनी की नजरें इतिहास अपने नाम करने पर भी होंगी।
गेंदबाजी में ऑस्ट्रेलिया के पास मिशेल स्टार्क के रूप में बड़ा गेंदबाज है। स्टार्क ऐसे गेंदबाज हैं जो भारत के कप्तान कोहली को परेशान करने का दम रखते हैं। कोहली और स्टार्क के बीच की प्रतिस्पर्धा पर भी इस मैच में सबकी नजरें होंगी।
अगर ऑस्ट्रेलिया की बात की जाए तो उसने अपने अंतिम-11 की घोषणा कर दी है। कप्तान टिम पेन ने मार्कस हैरिस को पदार्पण का मौका दिया है। यह सलामी बल्लेबाज एरॉन फिंच के साथ पारी की शुरुआत करता दिख सकता है।
बल्लेबाजी में टीम पूरी तरह से कप्तान कोहली पर निर्भर होगी। टीम को मैच से पहले एक बड़ा झटका पृथ्वी शॉ की चोट के रूप में लगा है। पृथ्वी अभ्यास मैच में चोटिल हो गए। वह पहले टेस्ट में नहीं खेलेंगे। उनके जाने से मुरली विजय और लोकेश राहुल को फायदा हुआ है। अगर पृथ्वी फिट होते तो इन दोनों में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता था। सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी इन्हीं पर होगी।
दक्षिण अफ्रीका में भारत को टेस्ट श्रृंखला में 1-2 और इंग्लैंड में 0-4 से पराजय झेलनी पड़ी। विराट कोहली की टीम अब ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला जीतकर विदेश में ‘फ्लॉप शो’ का कलंक मिटाना चाहेगी। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के रूप में खुद को स्थापित कर चुके कोहली के लिये करिश्माई कप्तान कहलाने का भी यह श्रृंखला सुनहरा मौका है। पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें...
भारत के सामने दो मसले हैं। सबसे पहला तो बल्लेबाजी में कप्तान कोहली पर निर्भरता कम करनी होगी। कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट में 286 रन बनाये। चेतेश्वर पुजारा 100 रन ही बना सके जबकि मुरली विजय ने 102 और केएल राहुल ने दो टेस्ट में 30 रन बनाये।
पंड्या की गैर मौजूदगी में अतिरिक्त बल्लेबाज की जगह रोहित शर्मा को मिलना तय है। उन्होंने आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका में खेला था और पांचवें नंबर पर उतरकर चार पारियों में 78 रन ही बना सके थे। इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने प्रभावी रहे विहारी ने वहां पहला अर्धशतक जमाया था।
भारतीय टीम आक्रामक क्रिकेट खेलना चाहेगी लेकिन 12 खिलाड़ियों में हनुमा विहारी और रोहित शर्मा की मौजूदगी संकेत है कि 20 विकेट लेने के लिये पांच गेंदबाजों को उतारने की रणनीति में बदलाव होगा।
पिछले 70 साल में 11 दौरों पर भारत ने दो बार श्रृंखला ड्रॉ कराई है। पहले सुनील गावस्कर की कप्तानी में 1980 -81 और फिर सौरव गांगुली के कप्तान रहते 2003- 04 में।
दक्षिण अफ्रीका में भारत को टेस्ट श्रृंखला में 1-2 और इंग्लैंड में 0-4 से पराजय झेलनी पड़ी। विराट कोहली की टीम अब ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला जीतकर विदेश में ‘फ्लाप शो’ का कलंक मिटाना चाहेगी।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज के रूप में खुद को स्थापित कर चुके कोहली के लिये करिश्माई कप्तान कहलाने का भी यह श्रृंखला सुनहरा मौका है। ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर भारत ने अब तक 44 टेस्ट खेलकर सिर्फ पांच जीते हैं।
ऑस्ट्रेलिया की बात की जाए तो उसकी बल्लेबाजी एरोन फिंच के जिम्मे है। भारत की मजबूत टीम के खिलाफ अगर आस्ट्रेलिया को जीत चाहिए तो फिंच को आगे रहकर रन बनाने होंगे।