अजिंक्य रहाणे ने कहा कि ईडन गार्डन्स की गैर पारंपरिक पिच पर बल्लेबाजी करना एक चुनौती थी लेकिन साथ ही अफसोस जताया कि वह और चेतेश्वर पुजारा अपनी भागीदारी को आगे नहीं बढ़ा सके। रहाणे ने 77 जबकि पुजारा ने 87 रन की पारी खेली जिससे भारत ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने तक सात विकेट गंवाकर 239 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों ने तब चौथे विकेट के लिए 141 रन की अहम भागीदारी निभायी जब भारतीय टीम 46 रन के अंदर तीन विकेट गंवाकर जूझ रही थी।
रहाणे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘यह कोलकाता की ठेठ पिच नहीं है। विकेट दो तरह का था। दूसरे सत्र में यह काफी उमस भरा था। यह हमारे लिये अच्छा दिन नहीं था। हमें लगा था कि विकेट काफी अच्छा होगा। आमतौर पर यह सपाट और बल्लेबाजी के लिए अच्छा होता है। इस पर तेज गेंदबाजों के लिए अच्छा था।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे कुछ खिलाड़ी आसानी से आउट हो गए लेकिन मेरे और पुजारा के बीच साझेदारी अहम थी। मैं और पुजारा दोषी हैं क्योंकि हम दोनों जमे हुए थे। इस भागीदारी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हमारी थी।’
रहाणे ने कहा, ‘एक बल्लेबाज को आउट करने के लिए सिर्फ एक गेंद की जरूरत होती है। लेकिन हम (दोनों) में से कोई एक शतक बनाता तो हमारी स्थिति अलग होती। मैं किसी अन्य को दोषी नहीं ठहरा रहा हूं। यह हमारी जिम्मेदारी थी।’ भारत के लिए दिन को निराशाजनक करार करते हुए रहाणे ने कहा, ‘आप शतक जड़ने के बारे में नहीं सोचते। आप हालात के अनुरूप खेलते हो। शायद हम अपनी एकाग्रता खो बैठे। हमने दो अतिरिक्त विकेट गंवा दिए। पांच विकेट आदर्श होते।’
उन्होंने कहा, ‘टर्निंग पिच पर रक्षात्मक होना हमेशा अहम होता है। अगर आपका डिफेंस मजबूत है तो कोई भी आपको आउट नहीं कर सकता इसलिये हमने लंच के बाद के सत्र में इतनी मजबूती से बल्लेबाजी की। लेकिन तीसरे सत्र में हमें लगा कि यह हमारे लिए एकमात्र मौका है जहां हम आजादी से स्कोर कर सकते हैं क्योंकि गेंद पुरानी थी और गेंदबाज थके थे।’
रहाणे ने कहा, ‘हमने अपनी रन गति को बढ़ाने की कोशिश की। हमने उनकी लाइन एवं लेंथ को परेशान करने की कोशिश की। स्पिनरों को बैकफुट पर खेलना आसान था।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि अभी तक ज्यादा कुछ नहीं हुआ है रविंद्र जडेजा और रिद्धिमान साहा बल्लेबाजी कर रहे हैं। अगर वे 325 या 350 तक पहुंचा देते हैं तो यह पहली पारी में यहां अच्छा स्कोर होगा।’
