भारतीय टेस्ट क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने सोमवार (21 नवंबर) को कहा कि इंग्लैंड की टीम में इच्छा की कमी ने उन्हें इतना ‘आश्वासन’ दे दिया था कि वे 405 रन के लक्ष्य के दौरान उन्हें किसी भी समय रौंद देंगे। सलामी बल्लेबाज एलिस्टर कुक और युवा हसीब हमीद ने 50.2 ओवर के दौरान 75 रन जोड़कर भारतीयों की हताशा बढ़ा दी लेकिन एक बार ये दोनों आउट हुए तो घरेलू टीम के लिये चीजें आसान हो गयी है और उन्होंने टेस्ट में 246 रन से जीत दर्ज की। कोहली ने मेहमान टीम के रवैये के बारे में जो चीजें महसूस कीं, उसके बारे में बताते हुए कहा, ‘1.5 रन प्रति ओवर से ज्यादा नहीं दे रहे थे, ईमानदारी से कहूं तो हमने सोचा कि वे और अधिक इच्छा से खेलेंगे। उनका रवैया देखते हुए, उन्होंने हमें निश्चित रूप से आश्वासन दे दिया था कि हमें एक बार दो विकेट मिले तो पूरी टीम जल्द तहस नहस हो जायेगी क्योंकि बल्लेबाजों में ज्यादा इच्छाशक्ति नहीं दिख रही थी।’
उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो यह बिलकुल सरल चीज होती है और चौथी पारी में आपमें इच्छा नहीं है तो साढ़े चार सत्र खेलना काफी कठिन हो जाता है।’ ज्यादातर बल्लेबाज रक्षात्मक होने में व्यस्त थे, कोहली ने दो पारियों में 167 और 81 रन से 248 रन जोड़े। उनकी बल्लेबाजी के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा, ‘अगर आपके अंदर जज्बा है तो ही आप गेंद को अपने मुताबिक खेल पाओगे। अगर ऐसा नहीं है तो आप गेंद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हो और अगर यह कुछ करती है तो आप इस पर नियंत्रण बनाने की हालत में नहीं होते और यह बल्ला छूकर निकल जाती है।’
कोहली ने कहा, ‘अगर आप रन बनाने के बारे में सोच रहे हो तो आप अच्छी तरह रक्षात्मक होते हो क्योंकि आपका दिमाग गेंद पर भी होता है। इसलिये यही विचार था कि जब तक पिच बल्लेबाजी के लिये मुश्किल होती है, तब तक रन बनाते हैं। हमने इच्छा दिखायी और बीच बीच में रन जुटाते रहे। हमने अपनी बढ़त बढ़ा ली।’ कोहली का निरंतर रन जुटाने का फॉर्मूला क्रीज पर जाकर परिस्थितियों के हिसाब से रन बनाना है। वह कभी भी रन बनाने को अपना सर्वोच्च लक्ष्य नहीं मानते। उन्होंने कहा, ‘देखो कि क्या हो रहा है, गेंदबाजों को समझो, हमेशा गेंदबाजों पर हावी होने की योजना मत बनाओ बल्कि समझो कि हालात कैसे हो रहे हैं। विकेट पर शांत रहो, विकेट पर कुछ समय बिताने की कोशिश करो। जब खिलाड़ी विकेट पर समय बिताते हैं तो वे निश्चित रूप से रन जुटाते हैं।’