भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर में खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में टीम इंडिया की पारी के दौरान एक मजेदार वाकया घटित हुआ। भारतीय बल्लेबाज मनीष पाण्डेय के बल्ले को छकाती हुई गेंद स्टंप के उपर से बेल्ल को रगड़ते हुए विकेटकीपर के दस्तानों में समा गयी। बेल्स से गेंद का संपर्क होने के बाद उसमें लाला लाइट भी जली, लेकिन मनीष पांण्डेय आउट नहीं हुए क्योंकि आउट होने के लिए गिल्लियों का गिरना जरूरी होता है। दरअसल, मैच में भारत विराट कोहली, सुरेश रैना और युवराज सिंह का विकेट गवांकर संघर्ष कर रहा था। एक छोर से केएल राहुल ने मोर्चा संभाला था और मनीष पाण्डेय उनका साथ दे रहे थे।

भारतीय पारी के पंद्रहवें ओवर में गेंद बेन स्टोक्स के हाथ में थी और वो अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। भारतीय बल्लेबाज रन बनाने की कोशिश तो कर रहे थे, लेकिन यॉर्कर और स्लोवर डिलिवरी पर उनसे रन बन नहीं रहे थे। बेन स्टोक्स की एक गेंद पर लंबा हिट लगाने के चक्कर में मनीष पाण्डेय कामयाब नहीं हुए और गेंद उनके बल्ले को छकाते हुए उनके स्टंप के उपर से गुजर गईं। गेंद ने गिल्लियों को छुआ भी, बेल्स में लगी लाइट जली भी लेकिन वो गिरीं नहीं और इस तरह मनीष पाण्डेय आउट होने से बाल बाल बच गए। बेन स्टोक्स ने पाण्डेय को स्लोवर शॉर्ट पिच गेंद डाली थी और वो लेग साइड में पीछे हटकर थर्ड मैन की तरफ खेलना चाहते थे।

गेंदबाजी कर रहे बेन स्टोक्स ने जब स्टंप की बेल्ल में लाल लाइट जलते हुए देखा तो उनके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी, विकेटकीपर जोस बटलर भी खुशी से उछल रहे थे, लेकिन जब गिल्लियां गिरीं नहीं तो दोनों के साथ पूरा इंग्लिश खेमा अफसोस जाहिर करते हुए दिखा। मनीष पाण्डेय को भी अपनी गलती का एहसास था और वो भी हंस रहे थे। वहीं, फील्ड अंपायर शम्सुद्दीन भी मुस्कुराते हुए दिखे। बेन स्टोक्स का हाथ निराशा में उनके सिर पर था। हालांकि, इस घटना के बाद सेंसर लगे हुए स्टंप्स की महत्ता का जिक्र करते हुए कमेंटेटर्स ने रन आउट देने में इसके उपयोग पर संदेह जताया। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कमेंट्री के दौरान बताया कि कैसे थर्ड अंपायर्स के लिए सटीक रन आउट देने में ये सेंसर लगे हुए स्टंप्स बाधा हैं।

गौरतलब है कि क्रिकेट नियमों के मुताबिक एक बल्लेबाज को तभी आउट दिया जा सकता है जब गिल्लियां स्टंप से उठ गई हों। अब इस तरह की घटनाओं के बाद इस बात पर चर्चा होने लगी है कि क्या रन आउट देने में थर्ड अंपायर इस बात का ध्यान रखता है कि बल्लेबाज के क्रीज में पहुचने के समय गिल्लियां स्टंप से उपर उठी थीं या सिर्फ सेंसर लगा हुआ रेड लाइट जलते देख वह निर्णय देता है। यदि नियमों के मुताबिक देखा जाए तो किसी खिलाड़ी को उस वक्त ही रन आउट दिया जा सकता है, जब वो क्रीज में नहीं पहुंचा हो और उस समय गेंद स्टंप पर लगने के दौरान गिल्लियां उपर उठी चुकी हों। लेकिन, इस तरह के सेंसर लगे हुए स्टंप्स के आने के बाद थर्ड अंपायर सिर्फ यह देखता है कि खिलाड़ी के क्रीज में ना पहुंचने के समय गिल्लियों की रेड लाइट जली थी या नहीं।

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