अब तक क्रिकेट मैच या सीरीज जीतने पर खिलाड़ियों को ट्रॉफी और इनामी राशि दी जाती हैं, लेकिन पिछले रविवार को महाराष्ट्र के पालघर जिले के जवाहर तालुका में खेला गया एक मैच बहुत दिलचस्प रहा। इस मैच में जीतने वाली टीम को एक बकरी, रनरअप टीम को 5 मुर्गे और चौके-छक्के मारने वाले खिलाड़ी को अंडे दिए गए। जी हां यह सच है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक यह आइडिया दरअसल कोच उमेश तमोर की दिमाग की उपज था, जिन्होंने टूर्नामेंट कमिटी को इस बात के लिए मनाया कि नकद इनामी राशि से मुश्किलें पैदा होती हैं और कई बार खिलाड़ियों में लड़ाई भी हो जाती है। तमोर ने टीओआई को बताया कि हर साल जवाहर के राजीव गांधी स्टेडियम में मैच खेले जाते हैं, जिनकी इनामी राशि 50 हजार से लेकर 1 लाख तक होती है। लेकिन किसी कैश प्राइज के बिना खेले गए इस टूर्नामेंट में 14 टीमें शामिल हुई थीं। हर किसी ने 1000 रुपये आयोजकों को दिए थे। टूर्नामेंट की कमिटी में 6 सदस्य थे, जिसमें तमोर भी शामिल थे।
यह मैच 5 ओवर का था और कुछ ही दूरी पर बकरी बांधी गई थी। दरिया सागर मित्र मंडल ने टूर्नामेंट जीता और उसे पुरस्कार के तौर पर बकरी दी गई। उनकी टीम ने बकरी के साथ फोटो भी खिंचाई। टीम के कप्तान मनोज प्रभु ने कहा, यह पुरस्कार थोड़ा हटकर था, अब हम इसकी दावत का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी ओर रॉयल टीचर्स 11 इस टूर्नामेंट की रनर अप रही, जिसके दूसरे पुरस्कार यानी 5 मुर्गे दिए गए, जिन्हें पकड़ने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी। कप्तान अनिल कंगने ने कहा कि यह कोई बुरा पुरस्कार नहीं था।
लंच का भी था इंतजाम: तमोर ने बताया कि मैच के दौरान दोनों टीमों और यहां तक कि दर्शकों को भी लंच में वेजिटेबल पुलाव और अंडे दिए गए थे। अतीत में खिलाड़ियों के बीच पुरस्कार राशि को लेकर झगड़े होते थे। इस बार सभी ने साथ में अपने पुरस्कार साझा किए। वहीं ठाणे सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रूरिटी टू एनिमल की अध्यक्ष शकुंतला मजूमदार ने कहा कि जानवरों को तोहफे के तौर पर देना कानूनी तौर पर गलत नहीं है। नैतिक रूप से हम जानवरों को भेंट करने के खिलाफ हैं क्योंकि यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि उन्हें कैसे रखा जाएगा और वे कहां से खरीदे गए हैं।
